सामान्य तरीके से प्लान को समझना मुश्किल हो सकता है, लेकिन थोड़ी तैयारी से इसे आसान बनाया जा सकता है।
इसके लिए संबंधित अपनी जमीन का नकल, खसरा नंबर और बी-वन जरूर साथ रखें। नक्शे पर वास्तविक जमीन की पहचान में आसानी होगी।
नक्शों के सीधे अवलोकन के बजाए पहले मार्गदर्शिका को देखे और जरूरी जानकारियों को समझें।
इंडीकेशन की जानकारी के बाद अपनी जमीन व आसपास के इलाके की पहचान करंे और निर्धारित प्रयोजन की पहचान करें।
जरूरी हो तो अलग-अलग प्रयोजन के हिसाब से लगाए गए नक्शे पर भी अपनी जमीन का अवलोकन करें।
इन तमाम चीजों के बाद भी समझ नहीं आए तो अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछे, यथासंभव बताई गई जानकारी को नोट भी करें।
प्रयोजन पर संतुष्ट हो तो ठीक,नहीं तो तत्काल फार्म लेकर नक्शा, खसरा व बी-वन के साथ आपत्ति का कारण और निराकरण क्या हो, इसकी जानकारी के साथ आपत्ति दर्ज कराएं।
इसके बाद संबंधित इलाके के नक्शे पर जाएं और इंडीकेशन्स का अध्ययन करें। मसलन अलग-अलग प्रयोजन के लिए निर्धारित कलर व मार्क या निशान।
फिलहाल 1991 के आउट डेटेड और 27 साल पुराने मास्टर प्लान से काम चल रहा है। मौजूदा मास्टर प्लान 2001 में बनना था, यह 18 साल पहले ही विलंब हो चुका है। इसके अलावा पहली बार दुर्ग-भिलाई सहित 6 नगरीय निकाय और 95 गांवों को मिलाकर संयुक्त मास्टर प्लान बनाया गया है। इसलिए जमीन के उपयोग में व्यापक परिवर्तन संभव है। इसके अलावा यह प्लान 2031 तक लागू रहेगा। ऐसे में भविष्य की परेशानी से बचने प्लान के दायरे में आ रहे सभी व्यक्तियों को मास्टर प्लान का अवलोकन करने की गुजारिश पत्रिका ने की थी।
प्लान पर कोई भी व्यक्ति-दावा आपत्ति कर सकता है। इसके लिए दावा-आपत्ति फार्म उपलब्ध रहेगा। दावा-आपत्ति साधारण व खुद की शैली में सादे कागज पर भी लिखकर दिया जा सकता है। दावा-आपत्ति के साथ संबंधित व्यक्ति का नाम, पता के साथ मोबाइल नंबर की जानकारी देना होगा।
आवेदन के साथ दिए गए पते, मोबाइल नंबर अथवा दूसरे माध्यम से दावा-आपत्ति पर सुनवाई की तिथि की सूचना संबंधित को दी जाएगी। तय तिथि को उपस्थित होकर कलेक्टर व जिला स्तरीय समिति की मौजूदगी में संबंधित को पक्ष रखना होगा। सुनवाई के बाद समिति इस पर अंतिम फैसला करेगी।
मास्टर प्लान का यह दूसरा प्रकाशन होगा। इससे पहले मार्च 2016 में सार्वजनिक प्रकाशन किया गया था। इसमें 1154 दावा आपत्तियां सामने आई थी। इनके निराकरण को लेकर असंतोष के कारण राज्य शासन ने सुधार के लिए लौटा दिया था। सुधार के बाद अब इसका दोबारा प्रकाशन किया जा रहा है।
इससे पहले प्लान सात बार खारिज हो चुका है। पिछली बार मार्च में शासन ने प्लान को खामियों के कारण खारिज कर लौटा दिया था। इसके साथ जिला समिति की रिव्यू के आधार पर आठवीं बार संशोधन किया गया है।
संशोधन का काम संचालक कार्यालय में कराया गया है।
टाउन प्लानिंग सुबह 11 बजे प्लान का प्रकाशन करेगा। इसके तहत कार्यालय में प्रदर्शनी लगाकर प्लान के डिटेल के साथ नक्शे प्रदर्शित किए जाएंगे। कलक्टोरेट, संभाग कार्यालय व सभी नगरीय निकाय में डिटेल व नक्शे चस्पा किए जाएंगे।