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CG politics-उसेंडी-अमर के सामने सांसद विजय की दो टूक, बोले जीतना है निकाय चुनाव तो थोपें नहीं प्रत्याशी

प्रदेश अध्यक्ष व प्रभारी के सामने नेताओं ने टिकट के बंटवारे और प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया पर खुलकर सवाल खड़े किए वहीं सांसद विजय बघेल ने दो टूक अंदाज में प्रत्याशी थोपने के बजाए कार्यकर्ताओं की पसंद पर ध्यान देने पर जोर दिया। उन्होंने अपरोक्ष रूप से पूर्व चुनावों में टिकट बंटवारे में भूमिका निभाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं की पसंद के बजाए बाहरी प्रत्याशियों जैसे सवाल दुर्ग से ही ज्यादा उठते रहे हैं और यह यहां के कार्यकर्ताओं की पीड़ा भी है।

दुर्गOct 12, 2019 / 04:32 pm

Hemant Kapoor

सांसद विजय ने कहा चुनाव में प्रत्याशी जबरदस्ती थोपें नहीं

दुर्ग. विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष और पराजय का शूल भाजपा नेताओं को अब भी साल रहा है। इसकी बानकी यहां को नगरीय निकाय चुनावों के मद्देनजर संभाग के नेताओं से रायशुमारी के लिए पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी और प्रदेश प्रभारी व पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के सामने आया। प्रदेश अध्यक्ष व प्रभारी के सामने नेताओं ने टिकट के बंटवारे और प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया पर खुलकर सवाल खड़े किए वहीं सांसद विजय बघेल ने दो टूक अंदाज में प्रत्याशी थोपने के बजाए कार्यकर्ताओं की पसंद पर ध्यान देने पर जोर दिया। उन्होंने अपरोक्ष रूप से पूर्व चुनावों में टिकट बंटवारे में भूमिका निभाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं की पसंद के बजाए बाहरी प्रत्याशियों जैसे सवाल दुर्ग से ही ज्यादा उठते रहे हैं और यह यहां के कार्यकर्ताओं की पीड़ा भी है। इसलिए इस चुनाव में इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। करीब 3 घंटे चली बैठक में प्रदेश अध्यक्ष व प्रभारी ने सभी सुझाव डायरी में नोट किए और प्रदेश स्तर पर आलाकमान के सामने रखने का भरोसा दिलाया।

खुलकर बोले 6 जिले के नेता
प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी और नगरीय निकाय चुनाव प्रभारी अमर अग्रवाल की मौजूदगी में 6 संगठनात्मक जिले के नेताओं को सुझाव रखने का अवसर दिया गया। पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, सुरेंद्र पाटनी, राजेश ताम्रकार, ईश्वर शर्मा, संतोष अग्रवाल, कांशीनाथ शर्मा व रमन यादव सहित एक दर्जन से ज्यादा नेताओं ने सुझाव रखे। लगभग सभी ने टिकट वितरण में भेदभाव व कथित वरिष्ठ नेताओं के एकाधिकार का मामला उठाया।

यह कहा सांसद विजय बघेल ने
अंत में कार्यकर्ताओं की ओर से सांसद विजय बघेल ने भी बातें रखी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय नेतृत्व में 11 सांसदों के टिकट काटकर मैदानी कार्यकर्ताओं को उतारा। इसका सकारात्मक नतीजा सामने आया। इसलिए पुराने पैटर्न से हटकर नए कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाना चाहिए। बैठक के अंत प्रभारी अमर अग्रवाल ने सबकी भावनाओं के अनुरूप टिकट वितरण का भरोसा भी दिलाया।

नाम नहीं लेकिन वरिष्ठों सधा निशाना
बैठक में सुझावों के दौरान भेदभाव, भाई-भतीजावाद, परिवारवाद, बड़े नेताओं के एकाधिकार जैसे कई आरोप लगाए गए। इस दौरान नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सीधे तौर पर किसी का भी नाम नहीं लिया, लेकिन अपरोध रूप से निशाना जिले में इससे पहले प्रभावी रहे नेताओं पर रहा। नेताओं ने यहा तक कहा कि लंबे समय से एकाधिकार वाले नेताओं से अब किनारा किया जाना चाहिए।

नियुक्तियों पर भी खिंचाई
सांसद विजय बघेल ने अपने भाषण के दौरान संगठन चुनाव के मद्देनजर की गई नियुक्तियों पर भी जिले के नेताओं की खिंचाई की। बताया जाता है कि सांसद होने के नाते बघेल से भी चुनाव के लिए प्रभारी के रूप में नाम मांगे गए थे, लेकिन उनके नामों को दरकिनार कर सांसद सरोज पांडेय के समर्थकों की नियुक्ति कर दी गई। सांसद बघेल ने कहा कि ऐसी प्रवृत्ति रही तो पार्टी के लिए विपरीत स्थिति बनती रहेगी।

सलाह ठीक पर नहीं बदलेगा पैटर्न
सबसे अंत में प्रभारी अमर अग्रवाल ने बैठक में अपनी बात रही। उन्होंने सुझाव रखने वाले सभी को आला नेताओं के पास रखने और विचार का भरोसा दिलाया, लेकिन उन्होंने बताया कि टिकट चयन का पैटर्न भी इस बार पिछली बार की तरह होगा। पार्षद व निचले स्तर के टिकट जिला स्तर पर तय किए जाएंगे। वहीं महापौर व अध्यक्षों के टिकट प्रदेश स्तर पर तय होगा। जिन टिकटों का फैसले में परेशानी होगी उन्हें अपील समिति के पास भेज दिया जाएगा।
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