पुलिस के नहीं आने पर अमित ने युवकों को टोका और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी। अमित पर हमले के बाद पुलिस पहुंची। मौके पर ही आरोपी एन गोपालू को गिरफ्तार कर जेल भेजा। रात 9.30 बजे अमित के आने का इंतजार कर रहे उनके पिता श्रीकांत चौरसिया घर के बाहर बैठे हुए थे। तभी छह-सात युवक आए और उनके दरवाजे के सामने ही बैठकर जुआ खेलने लगे। श्रीकांत ने घर के सामने जुआ खेलने और गाली देने से मना किया।
इस बीच युवकों ने सड़क किनारे जुआ खेलते हुए फिर गाली देना शुरू कर दिया। अमित ने दरवाजा खोलकर कहा कि गाली गलौज बंद करो। इस पर युवकों ने और गालियों की बौछार शुरू कर दी। अमित युवकों को समझाने उनकी तरफ जा ही रहे थे कि दो लड़के आगे बढ़े। उनमें से एक एन गोपालू ने चाकू निकाला और अमित के सीने पर बाईं ओर वार कर दिया।
जवान बेटे को चाचा, पिता और अन्य रिश्तेदार मेटाडोर में लेकर सेक्टर-9 हॉस्पिटल पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने देखने के बाद बताया कि चोट सीधे हार्ट पर लगी है। नस कट चुकी है। बचा पाना मुश्किल है। अमित के पिता श्रीकांत ने कहा कि परिवार के सदस्यों ने जब 100 व 112 में फोन कर घर के सामने जुआ खेलने की शिकायत की तभी पुलिस गंभीरता दिखाते हुए पहुंच जाती तो मेरे बेटे अमित की जान नहीं जाती। आधे घंटे तक भी पुलिस की टीम नहीं पहुंची।
अमित से छोटा भाई दिलीप कुमार फौज में है। ड्यूटी चंडीगढ़ में है। सूचना मिलने पर वह भी घर आया है। बेटी पुलिस विभाग में राजनांदगांव में है, अमित विवाहित था। उसकी पत्नी कीर्ति और एक तीन साल का बेटा भी है।
इधर जब पत्रिका ने 112 में फोनकर इस विषय पर पूछा कि बुधवार की रात 9.30 बजे लड़के घर के सामने जुआ खेलने और हो हल्ला की शिकायत पर पुलिस टीम क्यों नहीं पहुंची, 112 में मौजूद जवान ने बताया कि जुआ खेलने की शिकायत आने पर संबंधित थाना को सूचना दे देते हैं। इसके लिए 112 वाहन नहीं भेजते। जुआ रोकने का काम क्षेत्रीय थाना और चौकी का है।
एएसपी सिटी विजय पांडेय ने बताया कि पुलिस की पेट्रोलिंग टीम को सूचना मिली थी कि सोनिया गांधी नगर में विवाद हो रहा है। टीम मौके पर पहुंचने से चंद मिनट पहले ही आरोपी ने चाकू चलाया था, उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर धारा 302 के तहत कार्रवाई की गई है।