मोहन नगर पुलिस ने चोरी के आरोपी बबलू व उसके नाबालिग दोस्त को पकड़कर न्यायालय में प्रस्तुत किया था। जहां से बबलू को जेल और नाबालिग को बाल संप्रेक्षणगृह में दाखिल कराया गया। बाल संप्रेक्षणगृह जाने से पहले अपचारी बालक ने अपने दोस्तों को घनश्याम साहनी की हत्या करने की बात बताई थी।
बाल संप्रेक्षण गृह भेजे जाने पर मोहल्ले में चर्चा शुरू हुई कि नाबालिग चोरी नहीं हत्या के आरोप में जेल गया है। पुलिस अपचारी के संप्रेक्षणगृह से बाहर आने और बबलू के जेल से रिहा होने का इंतजार कर रही थी। दो दिन पहले जमानत पर जैसे ही अपचारी बाहर आया पुलिस ने उससे पूछताछ की। हत्या की गुत्थी को सुलझाई।
घटना स्थल के निरीक्षण के दौरान पुलिस यह मान रही थी कि घनश्याम की मौत को गिरने से हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर पुलिस चौक गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर ने होमोसाइडल व सिर पर आए गंभीर चोट से मौत का खुलासा हुआ। इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और आरोपियों तक पहुंची।
पुलिस के मुताबिक बबलू ने अपने दोस्त के साथ मिलकर ट्रास्पोर्टनगर में २८ सितंबर की रात हत्या की। लोहे की पाइप चोरी करते हुए घनश्याम सहानी ने देख लिया था। विरोध करने पर बबलू ने अपचारी के साथ मिलकर घनश्याम की हत्या कर दी। इस घटना के एक दिन बाद 30 सितंबर की रात हरिनगर निवासी राजेन्द्र श्रीवास्तव के सूने आवास में चोरी की।
घर का ताला तोड़कर मोबाइल, सीडी प्लेयर, एलसीडी और मारूती कार की चोरी की। कार को युवक ने कलेक्टोरेट के पीछे छिपाया था। वहीं एलसीडी को अरमरीकला निवासी राजकुमार साहू के पास बेच दिया था। पुलिस ने राजकुमार साहू को चोरी का सामान खरीदने का आरोपी बनाया है। चोरी की गुत्थी सुलझाने के बाद पुलिस ने दोनों को न्यायालय में पेश किया था।