विधानसभा क्षेत्र से तीन से चार समर्थकों को एल्डरमैन बनाकर निगम में भेजना चाहते हैं। समर्थकों की सूची बनाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh baghel ) और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया को सौंप चुके हैं। हर निकाय में 10 से अधिक नाम होने की वजह से प्रदेश कांग्रेस कमेटी और मुख्यमंत्री ने नाम फाइनल नहीं किया है। भिलाई निगम से एल्डरमैन की दावेदारी करने वालों की सूची सबसे लंबी है। नगर पालिक निगम चरोदा और नगर पालिका परिषद जामुल के एल्डरमैन की नियुक्ति नहीं हुई है।
दुर्ग निगम में 9 एल्डरमैन के पद रिक्त हैं। इनमें से सरकार ने एकमात्र कृष्णा देवांगन को एल्डरमैन नियुक्त किया है। दो बार कांग्रेस के टिकट पर पार्षद के चुनाव में भाग्य आजमाने वाले कृष्णा को निगम तक पहुंचने का मौका मिल गया है। दो महीने बाद दुर्ग निगम में चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ऐसे में यहां नामांकित पार्षदों की नियुक्ति काफी मायने रखती है। दुर्ग में मंत्री ताम्रध्वज साहू और मोतीलाल वोरा के पुत्र विधायक अरुण वोरा के करीबी उम्मीद लगाए बैठे हैं। कांग्रेस फूंक-फूंककर कदम रख रही है। गुटबाजी और अपनों की नाराजगी से बचने के लिए फिलहाल नियुक्ति अटकाए रखी है। यहां भी भिलाई की तरह सिफारिशी नामों ने सूची लंबी कर दी है।
अहिवारा नगर पालिका परिषद में कुल 15 वार्ड हैं। इसमें से 7 वार्ड में भाजपा के पार्षद हैं। तीन कांग्रेस के और पांच निर्दलीय पार्षद हैं। शासन की ओर से नीतेश कुमार देवांगन को एल्डरमैन नियुक्त किया है। देवांगन की नियुक्ति से सदन में कांग्रेस के पार्षदों की संख्या तीन से बढ़कर चार हो गई है। रिक्त चार पदों पर नियुक्ति के बाद कांग्रेस पार्षदों की संख्या 8 हो जाएगी जो कि सत्ताधारी दल भाजपा से एक अधिक है।
नपाप कुम्हारी में पांच एल्डरमैन की नियुक्ति से सदन में कांग्रेस के पार्षदों की संख्या 15 से बढ़कर 20 हो जाएगी। नगर पालिका में भाजपा के 9 पार्षद हैं। सत्ताधारी दल कांग्रेस के 15 पार्षद हैं। सरकार ने अपने प्रतिनिधि मंडल के रूप में रामकुमारी चक्रधारी, दिलीप धीवर, रोहित कुर्रे, पिताम्बर साहू और पवन अग्रवाल को एल्डरमैन नियुक्त किया है।
नगर पंचायत पाटन में तीन एल्डरमैन की नियुक्ति की गई है। इसमें सोहन बघेल, बिसौहा राम देवांगन और लोकेश नायक को एल्डरमैन बनाया है। इस वजह से खींचतान
शासन की ओर से नामांकित पार्षद को मानदेय मिलता है। इसके अलावा पार्षद निधि के रूप में एक साल में 4 लाख रुपए की निधि मिलता है। जिसका वह अपने वार्ड के विकास कार्य पर खर्च कर सकता है। इस तरह से नेता अपने समर्थकों को पद देकर प्रोत्साहित और लाभान्वित करना चाहते हैं। (Bhilai news)