मकान बनाने सेना के जवान ने खरीदी जमीन, रिटायर होकर लौटा तो मिला दलालों का कब्जा
भिलाई में बसने के इरादे से फतेहपुर उत्तरप्रदेश के सेना के जवान ने कोहका में जमीन खरीदी, लेकिन 10 साल बाद जब वह रिटायर होकर मकान बनाने के मकसद से लौटा तो उसके पांव के नीचे से ही जमीन खिसक गई।

दुर्ग. भिलाई में बसने के इरादे से फतेहपुर उत्तरप्रदेश के सेना के जवान ने कोहका में जमीन खरीदी, लेकिन 10 साल बाद जब वह रिटायर होकर मकान बनाने के मकसद से लौटा तो उसके पांव के नीचे से ही जमीन खिसक गई। दरअसल इस बीच दलालों ने न सिर्फ जमीन पर कब्जा जमा लिया, बल्कि तार का घेरा लगाकर बिक्री का बोर्ड तक लगा लिया। अब जमीन खाली करने के बजाए जवान को जान से मारने की धमकी तक दी जा रही है।
दस साल पहले खरीदी जमीन
आर्मी के एक्स रैंक नायक रामसुमेर साहू ने बताया कि उसने 4 अगस्त 1997 में विक्रता अब्दुल करीम सदर बाजार दुर्ग से कोहका स्थित खसरा नंबर 3171/२ का टुकड़ा 300 वर्गफीट और इसी से लगा हिस्सा 675 वर्गफीट जमीन खरीदकर रजिस्ट्री कराई थी। इस जमीन पर वह रिटायरमेंट के बाद घर बनाकर बसना चाहता था।
लौटा तो मिला दलालों का कब्जा
सेना से रिटायर्ड होकर जब वह लौटा तो जमीन पर जुनवानी रोड पर ऑफिस बनाकर जमीन दलाली करने वाले विक्रांत शुक्ला, राजू खान, राजू सिंह और याकूब खान का कब्जा पाया। उक्त लोगों ने जमीन को तार से घेरकर अपना मोबाइल नंबर के साथ बोर्ड लगा रखा है।
कलक्टर से लगाई फरियाद
जीवन भर की कमाई से खरीदी गई जमीन हड़प लिए जाने से आहत सेना के रिटायर्ड जवान ने कलक्टर से हक दिलाने की फरियाद लगाई है। जवान ने बताया कि कब्जा हटाने कहने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इससे उनका पूरा परिवार दहशत में है।
बेटा भी आर्मी में फिर भी नहीं न्याय
जवान ने बताया कि इसका बेटा दिलीप कुमार साहू भी आर्मी में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहा है। इसके बाद भी उसे न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है। जवान ने बताया कि इसके अलावा उसके पास कोई भी जमीन नहीं है। इससे उसके परिवार के सामने आवास के लिए भटकने की नौबत आ गई है।
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