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अफसरों ने दबाया करोड़ों का सरकारी फंड, खुलासे पर मचा बवाल, प्रभारी ने लिखा कमिश्नर को पत्र, बोले छवि हुई धूमिल

locationदुर्गPublished: Mar 07, 2021 07:20:02 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

जलाशयों से पानी सप्लाई के एवज में जल संसाधन विभाग को भुगतान के लिए राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए 4.61 करोड़ रुपए अफसरों द्वारा दबाए रखने के खुलासे के बाद नगर निगम में बवाल मच गया है।

अफसरों ने दबाया करोड़ों का सरकारी फंड, खुलासे पर मचा बवाल, प्रभारी ने लिखा कमिश्नर को पत्र, बोले छवि हुई धूमिल

अफसरों ने दबाया करोड़ों का सरकारी फंड, खुलासे पर मचा बवाल, प्रभारी ने लिखा कमिश्नर को पत्र, बोले छवि हुई धूमिल

दुर्ग. जलाशयों से पानी सप्लाई के एवज में जल संसाधन विभाग को भुगतान के लिए राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए 4.61 करोड़ रुपए अफसरों द्वारा दबाए रखने के खुलासे के बाद नगर निगम में बवाल मच गया है। शनिवार को जलगृह प्रभारी संजय कोहले ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कमिश्नर हरेश मंडावी और महापौर धीरज बाकलीवाल को शिकायत पत्र सौंपा। प्रभारी ने पत्र के माध्यम से अफसरों की इस कृत्य से नगर निगम की छवि धूमिल होने का हवाला देते हुए मामले की जांच और जिम्मेदारी तय कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इधर मामले में कमिश्नर हरेश मंडावी ने भी संज्ञान लेते हुए ईई से मामले की जानकारी मंगाई है।
बनाया जा रहा है दबाव
जलाशयों से पानी सप्लाई के एवज में नगर निगम को जल संसाधन विभाग को 10 करोड़ 12 लाख रुपए भुगतान करना है। जल संसाधन विभाग द्वारा इसके लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है। दूसरी ओर शासन की ओर से नगरीय प्रशासन विभाग ने जल कर की राशि जल संसाधन विभाग में जमा कराने 2 किस्तों में नगर निगम को 4 करोड़ 61 लाख रुपए दिए हैं। पहली बार इंटरनल ऑडिट में बकाया के खुलासे के बाद 28 मार्च को 2018 को 3 करोड़ 1 लाख 66 हजार और दूसरी बार 5 जनवरी 2019 को 1 करोड़ 59 लाख 60 हजार रुपए नगर निगम को हस्तांतरित किया गया, लेकिन निगम के अफसरों ने यह राशि जल संसाधन विभाग को अब तक जमा नहीं कराया है।
पत्रिका की खबर पर लिया संज्ञान
पत्रिका ने अधिकारियों द्वारा राशि दबाए रखने का खुलासा करते हुए 6 मार्च को विस्तारपूर्वक समाचार प्रकाशित किया। इस पर प्रभारी संजय कोहले व निगम कमिश्नर हरेश मंडावी दोनों ने संज्ञान लिया है। कोहले ने पत्रिका के खबर का हवाला देते हुए अन्य मद में खर्च व ब्याज के लिए जमा रखने की संभावना जताते हुए संबंधितों से वसूली की भी मांग की है।
एकाउंट सेक्शन से गड़बड़ी की आशंका
इधर मामले के खुलासे के बाद संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भी पड़ताल शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक जलगृह विभाग के अधिकारियों ने प्रभारी के निर्देश पर फाइलें भी खंगाली, लेकिन वहां शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई राशि के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं मिली। ऐसे में अब संदेह की सुई एकाउंट सेक्शन पर आकर रूक गई है। माना जा रहा है कि एकाउंट सेक्शन से ही राशि संबंधित विभाग को नहीं भेजी गई है।
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