कौशल ने बताया कि सबसे पहले आए मैसेज में गूगल सर्विस के नाम पर १ रुपए काटा गया। इसके बाद गूगल प्रोक्सिमा बीटा के नाम पर 799 रुपए खाता से पार हो गया। दो मैसेज देख पाते इसके पहले ही 420 रुपए का ट्रांजेक्शन शुरू हुआ। 15 बार राशि का ट्रांजेक्शन हुआ तो एटीएम के पीछे लिखे नंबर पर फोन कर कार्ड को ब्लॉक करने कहा, इस बीच 15 वां ट्रांजेक्शन हो गया। इस तरह कुल १५ बार खाता से ट्रांजेक्शन कर लिया गया।
साइबर क्राइम के अधिकारियों ने मामले में पीडि़त से लिखित शिकायत ली है। वहीं बैंक प्रबंधन ने कहा कि पुलिस में शिकायत कर दो, वहां से जानकारी मांगी जाएगी, तो उनको देंगे। कौशल के पिता बीएसपी में नौकरी करते हैं।
साइबर क्राइम के अधिकारियों ने मामले में पीडि़त से लिखित शिकायत ली है। वहीं बैंक प्रबंधन ने कहा कि पुलिस में शिकायत कर दो, वहां से जानकारी मांगी जाएगी, तो उनको देंगे। कौशल के पिता बीएसपी में नौकरी करते हैं।
यह राशि बिना किसी के फोन आए, पार्स वर्ड या खाता नंबर मांगे किया गया। पीडि़त सवाल कर रहा है कि आखिर उसके बैंक का डाटा किसी भी कंपनी के पास कैसे जा सकता है। देशभर में इस तरह से कई लोगों के खाता से रकम दूसरे खाते में ट्रांसफर हो रही है।
सेना के जवान मुरलीधर साहू की पत्नी हेमलता साहू ने पुलिस में शिकायत की है कि उसके पति के खाते से ७२,००० रुपए गूगल पे का कस्टमर केयर बनकर अपना नाम त्रिलोचन मंडल बताकर पार कर दिया। घटना ३ अप्रैल २०१९ की है। यह राशि 36000 और 36000 रुपए कर दो बार में ट्रांजेक्शन हुई है। सेक्टर-६ में रहने वाली पीडि़ता ने जल्द कार्रवाई करने मांग की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर साइबर क्राइम को सौंप दिया है।
दलित परिसर ब्लाक 6 निवासी टी उषा रानी से विदेश से गिफ्ट का झांसा देकर एक लाख रुपए ठग लिए गए। फोन आया कि विदेश से आए कोरियर को लेने ४0800 रुपए सुल्तान सिंह के खाते (नंबर दिया) में डालने होंगे। उषा ने मना किया। दोबारा फोन आने पर उसने 20500 रुपए जमा किए। 30 मार्च को उसी नंबर से फोन आया कि 50 हजार पौंड भी कोरियर में हैं जो आतंकवादी के भेजे हो सकते हैं। डराकर 85700 रुपए जमा करा लिए।