योजना बद्ध तरीके से इस गोरख धंधा का भंडाफोड़ किया। पहले अधिकारियों ने ग्राहक बनकर दवा की मांग की। किराना दुकान संचालक द्वारा दवा उपलब्ध होने की सूचना देने पर रेड कार्रवाई की गई। किराना दुकान संचालक की उपस्थिति में जब दुकान की जांच की गई तो अधिकारी हतप्रभ रह गए। दुकान में अलग-अलग स्थानों में प्रतिबंधित इंजेक्शन ऑक्सीटोशिन को छिपाकर रखा था। इस कार्रवाई में ड्रग इंस्पेक्टर आस्था वर्मा, गायत्री पटेल, खाद्य संरक्षा अधिकारी क्षीरसागर पटेल शामिल थे। Controller Food and Drug Administrate Durg
लगाते हैं दुधारू पशु को
अधिकारियों ने बताया कि डेयरी संचालक इस इंजेक्शन को ऐसे दुधारु पशुओं को लगाते है जिनका बछड़ा मर चुका है और वे मवेशी ने दूध देना बंद कर दिया है। जो मवेशी दूध दे रही है उसे इंजेक्शन लगाने से दूध की मात्रा 1 से लेकर 2 लीटर तक बढ़ जाती है। लेकिन इंजेक्शन से मवेशी के स्वास्थ्य पर बुरा असर भी पड़ता है। इसे डेयरी संचालक नजर अंदाज कर देते है।
अधिकारियों ने बताया कि डेयरी संचालक इस इंजेक्शन को ऐसे दुधारु पशुओं को लगाते है जिनका बछड़ा मर चुका है और वे मवेशी ने दूध देना बंद कर दिया है। जो मवेशी दूध दे रही है उसे इंजेक्शन लगाने से दूध की मात्रा 1 से लेकर 2 लीटर तक बढ़ जाती है। लेकिन इंजेक्शन से मवेशी के स्वास्थ्य पर बुरा असर भी पड़ता है। इसे डेयरी संचालक नजर अंदाज कर देते है।
स्वास्थ्य से हो रहा बड़ा खिलवाड़ 1. ऑक्सीटोसिन पर प्रतिबंध 1 जुलाई 2018 से प्रभावी हो गया है। ऑक्सीटोसिन का आयात पहले से ही प्रतिबंधित है।
2. एक जुलाई से कोई भी कंपनी घरेलू इसे उपयोग करने के लिए इस दवा का उत्पादन नहीं कर सकती।
3. ऑक्सीटोसिन फल-सब्जी का आकार बढ़ाने एवं दुधारू पशुओं अधिक दूध दोहन के लिए प्रयोग किया जाता है।
2. एक जुलाई से कोई भी कंपनी घरेलू इसे उपयोग करने के लिए इस दवा का उत्पादन नहीं कर सकती।
3. ऑक्सीटोसिन फल-सब्जी का आकार बढ़ाने एवं दुधारू पशुओं अधिक दूध दोहन के लिए प्रयोग किया जाता है।
शरीर में अनेक तरह की बीमारियों हो सकती हंै
मानव के लिए यह जहर के समान है। खाद्य अधिकारियों ने बताया कि किसी भी मवेशी को इंजेक्शन लगाकर निकाला गया दूध मानव शरीर के लिए बेहद खतरनाक है। खास कर किशोरों में इसका असर सबसे ज्यादा पड़ता है। इस दूध के सेवन से शरीर के हार्मोन्स में तेजी से परिर्वतन होता है और समय से पहले शारीरिक बदलाव आता है।
मानव के लिए यह जहर के समान है। खाद्य अधिकारियों ने बताया कि किसी भी मवेशी को इंजेक्शन लगाकर निकाला गया दूध मानव शरीर के लिए बेहद खतरनाक है। खास कर किशोरों में इसका असर सबसे ज्यादा पड़ता है। इस दूध के सेवन से शरीर के हार्मोन्स में तेजी से परिर्वतन होता है और समय से पहले शारीरिक बदलाव आता है।
प्रकरण सीजेएम कोर्ट में किया जाएगा प्रस्तुत
अधिकारियों ने बताया किराना दुकान संचालक प्रकाश यादव के खिलाफ खाद्य औषधि एवं सौद्र्य प्राशाधन अधिनियम 1940 की धारा 18 ए, बी व 26 ए के तहत प्रकरण तैयार किया गया है। प्रकरण सीजेएम न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। इस धारा के तहत दोष साबित होने पर 3 वर्ष कारावास का प्रवधान है। ड्रग इंस्पेक्टर ब्रजराज सिंह ने बताया कि किराना दुकान में प्रतिबंधित दवा बेचने की शिकायत मिली थी। शिकायत की पहले जांच की गई। इसके बाद कार्रवाई की गई। प्रतिबंधित दवा कहा से आ रहा है यह जांच का विषय है। कुछ जानकारी मिली है जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की की जा रही है। oxytocin injection
अधिकारियों ने बताया किराना दुकान संचालक प्रकाश यादव के खिलाफ खाद्य औषधि एवं सौद्र्य प्राशाधन अधिनियम 1940 की धारा 18 ए, बी व 26 ए के तहत प्रकरण तैयार किया गया है। प्रकरण सीजेएम न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। इस धारा के तहत दोष साबित होने पर 3 वर्ष कारावास का प्रवधान है। ड्रग इंस्पेक्टर ब्रजराज सिंह ने बताया कि किराना दुकान में प्रतिबंधित दवा बेचने की शिकायत मिली थी। शिकायत की पहले जांच की गई। इसके बाद कार्रवाई की गई। प्रतिबंधित दवा कहा से आ रहा है यह जांच का विषय है। कुछ जानकारी मिली है जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की की जा रही है। oxytocin injection