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Unseasonal rain – 50 हजार हेक्टेयर की उपज भीगकर खराब, 80 हजार हेक्टेयर के खड़ी फसल को भी खतरा

locationदुर्गPublished: Nov 23, 2021 11:13:22 am

Submitted by:

Hemant Kapoor

बेमौसम बारिश सोमवार को किसानों पर कहर बनकर टूटा। हालात यह रहा कि महज 9 से 10 घंटे में 18 मिमी से ज्यादा बारिश हुई। इससे कटाई के बाद खेतों और खलिहानों में सहेजकर रखा गया 50 हजार हेक्टेयर का धान बूरी तरह भीग गया। इसके धान के खराब होने अथवा सड़ जाने का खतरा है। वहीं 80 हजार हेक्टेयर का धान अभी खेतों में कटाई के लिए खड़ा है। इसमें से भी पौधों के गिर जाने और पानी में डूब होने की खबर है।

Unseasonal rain - 50 हजार हेक्टेयर की उपज भीगकर खराब, 80 हजार हेक्टेयर के खड़ी फसल को भी खतरा

50 हजार हेक्टेयर की उपज भीगकर खराब

दुर्ग. जिले में कई दिनों से मौसम में उतार चढ़ाव चल रहा था, लेकिन बारिश जैसी स्थिति नहीं बन रही थी। लिहाजा किसानों ने बे-फिक्र होकर धान की कटाई शुरू की दी थी। लेकिन सोमवार की अलसुबह करीब 2 बजे मौसम ने अचानक रूख बदला और तेजी से बारिश शुरू हो गई। यह क्रम सुबह 11 से 12 बजे तक चलता रहा। इससे किसानों की मेहनत की उपज बूरी तरह भीग गई। कृषि विभाग के मुताबिक जिले में 40 फीसदी यानि करीब 50 हेक्टेयर की धान की कटाई हो चुकी है। यह फसल करपा के रूप में खेतों व खलिहानों में मिंजाई के लिए भंडारित है। वहीं कई किसानों ने थ्रेसर से मिंजाई के लिए खेतों में धान की फसल को भंडारित कर रखा है।

सडऩे व अंकुरण का खतरा
किसानों ने 40 फीसदी फसल काट लिया है, लेकिन किसी कारणवश खलिहान तक नहीं ला पाए हैं, ये खेत में करपा के रूप में है। कई किसानों ने थ्रेसर से मिंजाई के लिए खेतों में भी धान का भंडारण कर रखा है। बारिश में यह धान भीग गया है। इससे बालियों के सडऩे व अंकुरण का खतरा बढ़ गया है। तत्कालिक तौर पर जमीन गीली होने से धान को उठाना और मिंजाई भी संभव नहीं है।

खुले में भंडारण की मजबूरी
कई किसानों ने हार्वेस्टर व थ्रेसर जैसी मशीनों का उपयोग कर धान की कटाई व मिंजाई करा लिया है। धान खरीदी शुरू होने की स्थिति में ये सीधे उपज सोसायटियों में ले जाकर बेंच देते थे, लेकिन इस बार खरीदी शुरू नहीं होने के कारण खलिहानों में खुले आसमान के नीचे भंडारित करने मजबूर है। इसे बारिश से बचाने किसानों को मशक्कर करनी पड़ रही है।

कटाई व मिंजाई भी पिछड़ जाएगा
जिले में अभी भी 60 फीसदी यानि 80 हजार हेक्टेयर की कटाई बांकी है। खेतों में पानी होने और जमीन गीली होने से इनकी तात्कालिक कटाई संभव नहीं होगा। इससे कटाई का काम पिछड़ जाएगा। वहीं किसी तरह कटाई भी कर लिया गया तो जमीन गीली होने की वजह से खलिहानों में मिंजाई संभव नहीं है। ऐसे में अब कटाई और ङ्क्षमजाई दोनों का काम पिछड़ जाएगा।

धमधा-पाटन में जमकर बरसे बदरा
अचानक बदले मौसम के बाद सोमवार को धमधा और पाटन में बादल जमकर बरसे। अकेले धमधा में चंद घंटे में 22.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं पाटन में भी 20 एमएम बारिश हुई। बारिश के मामले में दुर्ग ब्लाक के किसानों को थोड़ी राहत रही। यहां करीब 13 एमएम बारिश दर्ज की गई। किसानों के लिए राहत की बात यह रही कि दोपहर 12 के बाद बारिश नहीं हुई और मौसम भी साफ रहा।
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