नगर निगम द्वारा इंदिरा मार्केट मोटर साइकिल पार्किंग स्थल और नया बस स्टैंड पार्किंग स्थल के संचालन के लिए पिछले साल निविदा निकाला गया था। जिसके बाद जनवरी फरवरी में प्रमोद महोबिया को नया बस स्टैंड पार्किंग और बलराम निर्मलकर को इंदिरा मार्केट पार्किंग का ठेका दिया गया था। बाजार विभाग द्वारा इंदिरा मार्केट वाहन पार्किंग ठेकेदार बलराम निर्मलकर को ठेका शुल्क 7 लाख 3 हजार रुपए में दिया गया था। इसकी 50 प्रतिशत राशि जमा करवाकर अनुबंध कर पार्किंग संचालन की अनुमति दिया जाना था। इसी प्रकार नया बस स्टैंड वाहन पार्किंग ठेकेदार प्रमोद महोबिया से ठेका शुल्क 7 लाख 45 हजार का 50 फीसदी राशि जमा करवाकर अनुबंध कराना था, लेकिन अफसरों ने ऐसा नहीं कर ठेकेदारों को पार्किंग चलाने की अनुमति दे दी। ठेकेदार अब तक बेरोकटोक पार्किंग चलाते रहे व वाहनों से मोटी रकम वसूलते रहे।
दस माह बाद जारी किया नोटिस
बताया जाता है कि निगम कमिश्नर इंद्रजीत बर्मन को इस घोटाले की शिकायत मिली थी। इस पर उन्होंने फाइलें तलब कर जांच कराई। इसमें अफसरों की मिलीभगत से बड़े घोटाले का भंडाफोड़ हुआ। इस पर 2 नवंबर को ठेकेदारों को नोटिस जारी कर 3 दिवस का समय दिया गया था। लेकिन दोनों ठेकेदारों ने तय मियाद में 50 फीसदी राशि जमा कर अनुबंध नहीं कराया। इस पर निगम कमिश्नर इंद्रजीत बर्मन ने दोनों पार्किंग स्थल का ठेका निरस्त कर दिया।
अमानत राजसात लेकिन वसूली पर चुप्पी
निगम कमिश्नर ने दोनों ठेकेदारों को ठेका निरस्त करने के साथ ब्लेक लिस्टेड भी कर दिया है। यानि दोनों ठेकेदार अब निगम के किसी भी टेंडर में शामिल नहीं हो पाएंगे। इसके अलावा दोनों ठेकेदारों द्वारा टेंडर के समय जमा कराए गए अमानत राशि 2 लाख 70 हजार भी राजसात कर ली गई है, लेकिन पिछले 10 माह बिना अनुबंध वाहन मालिकों से वसूली के मामले में चुप्पी साध ली गई है।