इस तरह समझे स्थिति को
मनरेगा कर्मियों की हड़ताल 4 अप्रैल से चल रही है। इससे पहले 31 मार्च की स्थिति में राज्य में 96.72 प्रतिशत मस्टर रोल का भुगतान तय समय सीमा में हो रहा था। यह स्थिति 20 मई को 71.21 प्रतिशत हो गई है। इसी तरह जिले में हड़ताल से पहले भुगतान की स्थिति शत-प्रतिशत थी, लेकिन अब यह 75 फीसदी के करीब है।
यह अधिनियम में प्रावधान
महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम 2005 की धारा 3 (3) के अनुसार श्रमिकों को साप्ताहिक आधार पर और मस्टर रोल को बंद करने की तारीख से 15 दिनों के भीतर हरहाल भुगतान किया जाना है। यदि मस्टर रोल को बंद करने की तारीख से पंद्रह दिनों के भीतर भुगतान नहीं किया जाता है, तो जिम्मेदार पर कार्रवाई के साथ काम मांगने वाले को मुआवजा देने का प्रावधान है।
45 हजार से ज्यादा श्रमिक
जिले में मनरेगा में फिलहाल करीब 45 हजार श्रमिक काम कर रहे हैं। हड़ताल से पहले यह संख्या 53 हजार से ज्यादा थी। हड़ताल के बाद काम लगभग बंद हो गए थे। जिसे बाद में पंचायतों के स्थानीय कर्मियों की मदद से शुरू कराया गया। इस लिहाज से फिलहाल स्थिति काफी सुधर गई है, लेकिन भुगतान में देरी के कारण करीब 25 फीसदी कर्मियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।