इन कार्डों पर प्रत्येक सदस्य 7 किलोग्राम की दर से हर माह हितग्राहियों को चावल उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए जिले को हर माह 9 हजार 800 टन चावल की जरूरत होती है। इस बार जिले के राशन दुकानों में इससे दोगुना 19 हजार 600 टन चावल आवंटित किया जाएगा। हितग्राहियों को प्रति यूनिट 14 किलो के हिसाब से चावल दिया जाएगा।
कस्टम मिलिंग से 3 लाख मिटरिक टन चावल
जिले में कस्टम मिलिंग से इस बार भी 3 लाख मिटरिक टन चावल आने की उम्मीद की जा रही है। यह चावल नॉन व एफसीआइ दोनों जगह जमा कराया जाता है। नॉन के गोदाम में 1 लाख 17 हजार 76 3 मिटरिक टन और एफसीआइ में 2 लाख29 हजार मिटरिक टन चावल भंडारण की क्षमता है। सहायक खाद्य अधिकारी एसी मिश्रा ने बताया कि राशन दुकानों को दो माह का चावल आवंटित किया जा रहा है। कस्टम मिलिंग से चावल की आवक को देखते हुए गोदामों में जगह बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
जिले में कस्टम मिलिंग से इस बार भी 3 लाख मिटरिक टन चावल आने की उम्मीद की जा रही है। यह चावल नॉन व एफसीआइ दोनों जगह जमा कराया जाता है। नॉन के गोदाम में 1 लाख 17 हजार 76 3 मिटरिक टन और एफसीआइ में 2 लाख29 हजार मिटरिक टन चावल भंडारण की क्षमता है। सहायक खाद्य अधिकारी एसी मिश्रा ने बताया कि राशन दुकानों को दो माह का चावल आवंटित किया जा रहा है। कस्टम मिलिंग से चावल की आवक को देखते हुए गोदामों में जगह बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।