दुर्ग

पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट, कोर्ट के निर्देश पर लाखों रुपए एडवांस लेकर सरिया नहीं भेजने वाले फर्म के खिलाफ जुर्म दर्ज

कोर्ट के निर्देश पर मोहन नगर पुलिस ने सूर्यकांत चितलांगिया एंड संस राजनादगांव, सागर चितलांगिया और रायपुर के मोहित सोनवानी के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत और षडय़ंत्र करने का मामला दर्ज किया है।

दुर्गOct 17, 2018 / 10:28 pm

Satya Narayan Shukla

पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट, कोर्ट के निर्देश पर लाखों रुपए एडवांस लेकर सरिया नहीं भेजने वाले फर्म के खिलाफ जुर्म दर्ज

दुर्ग. लाखों रुपए एडवांस लेकर सरिया नहीं भेजने वाले फर्म के खिलाफ कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर किया है। इस मामले में प्रार्थी ने थाने से लेकर आईजी तक शिकायत की गई थी। इसके बाद भी आरोपी के खिलाफ जुर्म दर्ज हीं किए जाने पर कोर्ट में परिवाद प्रस्तुत किया गया था। कोर्ट के निर्देश पर मोहन नगर पुलिस ने सूर्यकांत चितलांगिया एंड संस राजनादगांव, सागर चितलांगिया और रायपुर के मोहित सोनवानी के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत और षडय़ंत्र करने का मामला दर्ज किया है। आरोपियों ने सरिया लेने एडवांश राशि ली थी। इसके बाद सरिया सप्लाई करने लगातार घुमाते रहें। परेशान होने के बाद वीना इंजीनियरिंग भिलाई के संचालक जयदेव गुहा ने न्यायाधीश हरेन्द्र सिंह नाग के न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया था।
23 लाख 70 हजार का इ-बैंकिंग के माध्यम से भुगतान

पुलिस के मुताबिक जयदेव ने लखोली राजनादगांव के सूर्यकांत चितलांगिया सें संपर्क किया था। सरिया लेने के लिए दोनों की बीच आपसी सहमति बनी और सहमति के आधार पर जयदेव ने 23 लाख 70 हजार का इ-बैंकिंग के माध्यम से भुगतान किया। भुगतान लेते समय आरोपी व उसके पुत्र सागर ने आश्वासन दिया था कि वह जल्द से जल्द सरिया भिलाई स्थित वीना इंजीनियरिंग भिजवा देंगे। निर्धारित समय के बाद लगातार संपर्क करने पर सरिया सप्लाई नहीं की गई।
इसलिए इसे बनाया आरोपी
जयदेव गुहा ने सरिया निर्माता से सीधे संपर्क नहीं किया था। वह रायपुर के मोहित सोनवानी के माध्यम से पहुंचा था। लेनदेन के समय मोहित वहां मौजूद था। एक तरह से मोहित ग्यारंटर के रुप में था। न्यायालय ने उसकी संलिप्ता को देखते उसे भी आरोपी बनाने का आदेश दिया।
पुलिस ने मदद नहीं की तब पहुंचा न्यायालय
लगातार ढाई वर्ष तक थाना का चक्कर लगाने के बाद पीडि़त को पुलिस प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली। एफआईआर करने एसपी से लेकर आइजी तक को आवेदन दिया गया था। बाद में पुलिस ने आर्थिक लेनदेन का मामला बताते हुए उसे न्यायालय जाने की सलाह दी थी।
जल्द होगी आरोपियों की गिरफ्तारी
राजेश बागड़े, टीआई मोहन नगर ने बताया कि न्यायालय के निर्देश पर अपराध दर्ज किया गया है। एफआइआर को जांच में लिया गया है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
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