राज्य बनने के बाद संभवत: यह पहली बार हो रहा है जब दोनों प्रमुख राजनीतिक दल चुनाव के दो साल पहले ही तैयारियों में जुट गई है। प्रत्यक्ष रूप से दोनों ही राजनीतिक दलों ने तैयारियों का भी ऐलान कर दिया है। कांग्रेस ने इसकी शुरूआत करते हुए बूथ कमेटियां तैयार करने के लिए अलग-अलग लेबल पर प्रभारियों की भी नियुक्ति कर दी है। प्रभारियों ने अपने-अपने इलाकों में बैठकें लेनी भी शुरू कर दी है। वहीं भाजपा ने भी पिछले दिनों जिले में चुनावी मुहिम का आगाज कर दिया। इसके तहत प्रदेश संगठन प्रभारी यहां पहुंचकर आला नेताओं की बैठ भी ले चुके हैं। उन्होंने बैठक में स्पष्ट तौर पर बड़े नेताओं को वार्डों में जाकर काम करने की नसीहत भी दे दिया है।
कांग्रेस में प्रभारियों की नियुक्तियों के साथ बैठकों का क्रम शुरू हो गया है। शहर जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से अब तक दो बैठकें भी की जा चुकी है। बैठकों में नेता बड़े जोर-शोर से शामिल हो रहे हैं, लेकिन उस लिहाज से फिलहाल मैदानी स्तर पर काम दिखाई नहीं दे रहा है। बड़े नेताओं के साथ भीड़ वाले नेताओं की संख्या बैठकों में ज्यादा दिख रही है।
भाजपा ने भी मैदानी स्तर पर काम शुरू कर दिया है, लेकिन यहां अभी से गुटबाजी दिखाई देने लगी है। प्रदेश संगठन प्रभारी की बैठक से भी कई बड़े नेता नदारद रहे। नेताओं के साथ उनके समर्थक भी नहीं पहुंचे। दुर्ग जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित बैठक में सांसद सरोज पांडेय के अलावा कोई भी बड़ा नेता नजर नहीं आया।