scriptइस गैंगस्टर के आगे जेल अफसर भीगी बिल्ली, जो मांगता है मिल जाता है | Prison for common people, Not less than comfortable place for gangster | Patrika News

इस गैंगस्टर के आगे जेल अफसर भीगी बिल्ली, जो मांगता है मिल जाता है

locationदुर्गPublished: Jul 12, 2018 12:16:08 am

सजायाफ्ता और विचाराधीन बंदियों को जेल में सुविधाएं देने के लिए वहां के कर्मचारी प्राइवेट कंपनी की तर्ज पर काम करते है।

Bhilai patrika

आम लोगों के लिए जेल, रसूखदार के लिए किसी ऐशगाह से कम नहीं, पैसे खर्च करो, सारी सुविधाएं उपलब्ध

दुर्ग. सजायाफ्ता और विचाराधीन बंदियों को जेल में सुविधाएं देने के लिए वहां के कर्मचारी प्राइवेट कंपनी की तर्ज पर काम करते है। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि जेल के अंदर इस तरह से लाखों का कारोबार होता है। कलेक्शन से लेकर हिसाब किताब की जिम्मेदारी केन्द्रीय जेल के एक अधिकारी की होती है। गैंगस्टर तपन सरकार के कारनामे सार्वजनिक होने के बाद कानून व्यवस्था की पोल ही खुल गई। जेल में चलने वाले अवैध कारोबार के बारे में अब तक केवल चर्चा होती थी। यह मामला अब पुलिस की जांच का मुख्य बिन्दु बन चुका है। जेल से कुछ दिन पहले रिहा हुए बंदी भी कहते हैं कि जेल के अंदर तो बिना जीएसटी के सामानों का इतना रेट है कि उसे खरीदने से पहले सौ बार सोचना पड़ता है। सामान खरीदना और सुविधाओं के एवज में मोटी रकम देना बंदियों की मजबूरी होती है। सुबह नहाने के लिए भी साफ सुथरा जगह के लिए कीमत देना होता है।
बैरक में बंदियों पर नजर प्रहरी नहीं, गुर्गे रखते है
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि जेल के अंदर बने बैरक में कैदियों और बंदियों पर नजर गुर्गे रखते हैं। जेल प्रहरी बाहर से बैरक की निगरानी करते हंै। बैरक के आसपास के क्षेत्र में वहां रहने वाले प्रभावशाली व्यक्ति के गुर्गो क ा ही दबदबा रहता है। उनके इशारे पर ही सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। इसके एवज में बंदी ही कलकेक्शन करते हैं और बाद में उस राशि को जेल के अधिकारियों तक पहुंचाने की बात कहते हैं। रुपए देने पर खाना से लेकर सोने व अन्य सुविधाएं बैरक में उपलब्ध कराया जाता है।
एक स्कूल संचालक ने की थी तपन से बात
जेल के अंदर से गैंग संचालित करने वाले तपन के मोबाइल से हुई बातचीत की सूची बनाई तो पुलिस भी हैरान रह गई। सूची में शामिल शहर के नामी स्कूल संचालक का नाम है। तपन से इसलिए फोन पर बात हुई कि उसके परिवार के सदस्य का कातिल सेंट्रल जेल में निरुद्ध है। उन्होंने तपन से केवल इतना ही कहा कि जेल में निरुद्ध आरोपी को चैन से न रहने दिया जाए। हालाकि इस काम के लिए कितने रुपए लिए इसका खुलासा नहीं हुआ है।
जेल में 1700 से अधिक बंदी
दुर्ग सेंट्रल जेल में 1700 से अधिक बंदी निरुद्ध है। इसमें नक्सली से लेकर देश के पहले ट्रेन हाईजेक करने वाले खूंखार अपराधी उपेन्द्र सिंह उर्फ कबरा के अलावा गैंगस्टर तपन १३ साथियों के साथ जेल में निरुद्ध है।
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आरोपी की तलाश में दिल्ली गई पुलिस
तपन के तार केवल प्रदेश की राजधानी नहीं बल्कि दिल्ली से भी जुड़े है। इस बात का खुलासा होते ही पुलिस की एक टीम दिल्ली में है। दो दिन से दिल्ली में गैंगस्टर के गुर्गो की तलाश में लगी है। पुलिस के मुताबिक अनिश गोपालन वर्तमान में दिल्ली में है।
कचरा गाड़ी में पहुंचता है खाने पीने का सामान

जेल में कैद गैंगस्टर तक शाही पकवान के सामान किसी माल वाहक में नहीं बल्कि कचरा गाड़ी से लगातार पहुंच रहा था। सुबह कचरा लेने जेल के अंदर जाने वाले गाड़ी में सामन लोड रहता था। वापस लौटते समय गाड़ी कचरा लेकर आती थी। कचरा गाड़ी की वजह से गेट पर खड़े कर्मचारी उसे चेक नहीं करते थे।
गुर्गा बॉबी उर्फ विद्युत चौधरी जेल के अंदर का मैनेजमेंट संभालता है

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि गैगस्टर तपन का जामुल हाउसिंग बोर्ड निवासी गुर्गा बॉबी उर्फ विद्युत चौधरी जेल के अंदर का मैनेजमेंट सभालता है। गांजा, बीड़ी, शराब जेल में बंद नशे के आदी कैदियों को सप्लाई करता है। यह सभी सामग्री राशन के सामान के साथ सप्लाई की जाती है। जेल के अंदर यदि कोई कैदी विरोध करता है तो गैंगस्टर का गुर्गा खुर्सीपार निवासी पिताम्बर उसकी पिटाई करता है।
50 लाख के करीब महीने की कमाई
पुलिस के मुताबिक तपन जेल के अंदर भी अपना कारोबार चला रहा है। वहां गवाहों का बयान बदलवाने, व्यापारियों से वसूली करना, दो पक्षों के मारपीट को जेल के बाहर ही डरा धमका कर सुलह कराना उसके काम में शामिल है। पुलिस का अनुमान है कि इस तरह तपन हर माह करीब ५० लाख रुपए की कमाई करता है।
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