जिला दंडाधिकारी ने रासुका के तहत सजा निर्धारित करने के बाद आरोपी को केंद्रीय जेल दुर्ग में रखने का निर्देश दिया। जेल अधीक्षक योगेश क्षत्रिय को पत्र भी भेजा, जिसमें लिखा कि बबलू को रासुका के तहत दी गई सजा की गणना आज (शनिवार) से ही होगी।
बबलू ईरानी बस स्टैंड पर लंबे समय से वह बस चालकों से हफ्ता वसूल कर मारपीट की घटना को अंजाम दे रहा था। बस चालकों से ५०० से १००० रुपए तक की डिमांड करता। लगातार धमकी मिलने से परेशान बस चालक व परिचालकों ने पहली बार बबलू के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर एकजुट हुए और बसों चक्के रोक दिए। इस प्रदर्शन के बाद ही पुलिस हरकत में आई थी।
इसके पहले दुर्ग पुलिस ने बीरेन्द्र कुमार कुर्रे के खिलाफ रासुका के तहत कलक्टर के न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया। २०१४ में रासुका के तहत कलक्टर ने बीरेन्द्र को दोषी ठहराते हुए जेल में रखने का निर्देश दिया था। पुलिस ने बीरेन्द्र को माओवादी गतिविधियों में संलिप्त बताया था। वहीं जेके लक्ष्मी सीमेंट संयंत्र परिसर के उपद्रव में भी वह शामिल था।
सिंतबर के शुरू में बबलू के खिलाफ दर्ज अपराध की विवेचना में सामने आया कि वह गैंगस्टर तपन सरकार का सहयोगी है। जेल में रहते उसकी तपन सरकार से जान पहचान हुई। इसके बाद वह हमेशा तपन के सपंर्क में रहता था।