दबी जुबान से जो चर्चा है उसके मुताबिक वह अपने पिता के किसी ऐसी बात नाराज था जिसे पुलिस छिपा रही है। आखिर संदीप ने भी अपने अधिवक्ता से यह क्यों कहा कि पुलिस की कहानी और सच्चाई में काफी अंतर है। समय आने पर इसका खुलासा करेगा। आखिर वह सच्चाई क्या है? पुलिस इसका खुलासा क्यों नहीं कर रही है। पुलिस यह भी कह रही है कि संदीप ने कई जगह बड़ी रकम इन्वेस्ट किया था जिसमें घाटा हुआ था।
पुलिस किसी एक कंपनी का भी नाम नहीं बता रही जहां आरोपी पैसा लगाया हो। पुलिस ने संदीप को गिरफ्तारी के 43 घंटे बाद बुधवार को दोपहर एक बजे सीजेएम कोर्ट में पेश किया। संदीप को पिस्टल बेचने वाले आरोपी भगतसिंह गुरुदत्ता और गुरुदत्ता को पिस्टल देने वाले शैंलेंद्र सागर को भी पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। इसके पहले पुलिस ने संदीप को पूछताछ के लिए एक दिन के रिमांड पर लिया था। तीनों को न्यायालय के आदेश पर 17 जनवरी तक जेल भेजा गया।
थाने में सीसीटीवी की निगरानी में रहा संदीप
गिरफ्तारी के बाद आरोपी संदीप जैन को पुलिस ने थाना में विशेष निगरानी में रखा था। संदीप से मुलाकात करने उसके परिवार का कोई सदस्य थाना नहीं आया। उसे कोतवाली थाना में थाना प्रभारी के कक्ष के बाजू वाले कक्ष में रखा गया था। संदीप निगरानी के लि सीसी टीवी कैमरा लगाया था। कक्ष में रोटेशन में १ अधिकारी और ४ जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी। थाना प्रभारी खुद सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से उस पर नजर रखे हुए थे। पुलिस के मुताबिक संदीप जब तक थाना में था वह सोया नहीं। गुमसुम बैठा रहा। इस दौरान उसने न तो नहाने की बात कही और न कपड़े बदलने की।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी संदीप जैन को पुलिस ने थाना में विशेष निगरानी में रखा था। संदीप से मुलाकात करने उसके परिवार का कोई सदस्य थाना नहीं आया। उसे कोतवाली थाना में थाना प्रभारी के कक्ष के बाजू वाले कक्ष में रखा गया था। संदीप निगरानी के लि सीसी टीवी कैमरा लगाया था। कक्ष में रोटेशन में १ अधिकारी और ४ जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी। थाना प्रभारी खुद सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से उस पर नजर रखे हुए थे। पुलिस के मुताबिक संदीप जब तक थाना में था वह सोया नहीं। गुमसुम बैठा रहा। इस दौरान उसने न तो नहाने की बात कही और न कपड़े बदलने की।
जमानत के लिए किया संदीप ने मना
हत्या के आरोपी संदीप ने अदालत में जमानत के लिए आवेदन नहीं लगाया। न्यायाधीश ने जब अधिवक्ता के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उनका कोई अधिवक्ता नहीं है। इसके पहले बुधवार को अधिवक्ता सौरभ चौबे थाने में उससे मिलने गए थे पर पुलिस ने मिलने की अनुमति नहीं दी। बुधवार को न्यायालय में पेश होने के पहले अधिवक्ता चौबे को उससे मिलने गए। दोनों के बीच करीब 10 मिनट बात हुई। अधिवक्ता से बातचीत में जमानत के लिए अवेदन लगाने से संदीप ने मना किया।
हत्या के आरोपी संदीप ने अदालत में जमानत के लिए आवेदन नहीं लगाया। न्यायाधीश ने जब अधिवक्ता के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उनका कोई अधिवक्ता नहीं है। इसके पहले बुधवार को अधिवक्ता सौरभ चौबे थाने में उससे मिलने गए थे पर पुलिस ने मिलने की अनुमति नहीं दी। बुधवार को न्यायालय में पेश होने के पहले अधिवक्ता चौबे को उससे मिलने गए। दोनों के बीच करीब 10 मिनट बात हुई। अधिवक्ता से बातचीत में जमानत के लिए अवेदन लगाने से संदीप ने मना किया।
अधिवक्ता चौबे से कहा कि पुलिस की कहानी और सच्चाई में काफी अंतर है। समय आने पर इसका खुलासा करेंगे। अधिवक्ता चौबे ने संदीप से हुई बातचीत को गोपनीय बताते हुए कुछ कहने से मना कर दिया। जांच के बाद पुलिस दावा कर रही है कि अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि संदीप ने ही अपनी माता पिता की गोली मारकर हत्या की है। इस घटना का प्रत्यक्षदर्शी कोई नहीं है, लेकिन भौतिक साक्ष्य इतना है कि आरोपी बच नहीं सकता। परिस्थितिजन्य साक्ष्य उसके खिलाफ है।
अवसर तलाश रहा था न्यू ईयर को मिला मौका
पुलिस का कहना है कि आरोपी हत्या करने का अवसर तलाश रहा था। उसे मौका नहीं मिल रहा था। यह मौका उसे एक जनवरी को मिला। न्यूईयर के बहाने पत्नी को बच्चे के साथ मायके भेजा और नौकर को भी छुट्टी दे दी। पुलिस का कहना है कि बचपन से पिता की मार से वह परेशान था। ३० दिसंबर रात को रावलमल जैन ने संदीप की पिटाई की थी। यह बात संदीप ने ही पुलिस को बताया है।
पुलिस का कहना है कि आरोपी हत्या करने का अवसर तलाश रहा था। उसे मौका नहीं मिल रहा था। यह मौका उसे एक जनवरी को मिला। न्यूईयर के बहाने पत्नी को बच्चे के साथ मायके भेजा और नौकर को भी छुट्टी दे दी। पुलिस का कहना है कि बचपन से पिता की मार से वह परेशान था। ३० दिसंबर रात को रावलमल जैन ने संदीप की पिटाई की थी। यह बात संदीप ने ही पुलिस को बताया है।
पु लिस ने संदीप जैन के कमरे से एक ग्लबस बरामद किया था। बाद में खुलासा हु््आ कि ग्लबस पहनकर ही संदीप ने मां और पिता पर गोली चलाई थी। पुलिस ने ग्लबस, पिस्टल, कारतूस , मैग्जीन और जैन दंपत्ति के शरीर से निकली गोलियां को फोरेंसिक जांच के लिए रायपुर भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट दस दिन के भीतर आ जाएगी। ग्लब्स से अगर बारुद की गंध आने की पुष्टि होती है तो इसे महत्वपूर्ण साक्ष्य माना जाएगा। शवों का पीएम करने वाले डॉक्टरों ने शार्ट रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें गोली लगने से मौत की पुष्टि की है।
घटना का खुलासा होते ही पुलिस ने सबसे पहले रावलमल जैन के पोते सौरभ का बयान लिया था। सौरभ अपनी नानी सूरजीदेवी के फोन करने पर आया था। सूरजी देवी ने उसे यह कहा था कि उसका नाना गिर गया है। संदीप सोया है फोन नहीं उठा रहा है। संदीप ने अपनी मां को फोन करते देख लिया था। उसे लगा कि मां किसी को फोन पर बता रही है। उसने उसे भी गोली मार दी। इसमें भी यह बात साफ नहीं है कि गोली मारने से पहले फोन पर बात हो चुकी थी या बात करते समय ही संदीप ने गोली मारी। अगर बात करते वक्त ही गोली मारी होगी तो बात अधूरी रही होगी। आवाज सौरभ को भी सुनाई दी होगी।
पत्नी का दर्ज करेंगे बयान
पु लिस संदीप की पत्नी का बयान दर्ज करेगी। पुलिस का कहना है कि शोक कार्यक्रम के कारण उनका बयान नहीं लिया गया है। गुरुवार को महिला अधिकारी को बयान दर्ज करने वे भेजेगें। पुलिस ने संदीप के घर काम करने वाले नौकर को भी थाने में बैठाकर रखा था। बाद में उसे उसे छोड़ दिया।
पु लिस संदीप की पत्नी का बयान दर्ज करेगी। पुलिस का कहना है कि शोक कार्यक्रम के कारण उनका बयान नहीं लिया गया है। गुरुवार को महिला अधिकारी को बयान दर्ज करने वे भेजेगें। पुलिस ने संदीप के घर काम करने वाले नौकर को भी थाने में बैठाकर रखा था। बाद में उसे उसे छोड़ दिया।
नौकर ने पुलिस को क्या बताया यह खुलासा पुलिस ने नहीं किया है। अगर इस तरह घर में झगड़े लडाई होते रहे हैं तो इसकी जानकारी घरेलू नौकर को जरुर होगी। सिटी कोतवाली टीआई भावेश साहू ने बताया कि आरोपी से पूछताछ पूरी हो जाने के कारण उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अब आगे की जांच कर हम साक्ष्य एकत्र करेंगे। जांच अलग-अलग बिन्दुवार की जा रही है।
तीन बार पुलिस बदल चुकी कहानी
संदीप की घर से जब्त पिस्टल के मामले में भी पुलिस तीन दिन में तीन कहानी सुना चुकी है। पहले कहा गया कि संदीप ने पिस्टल को 40 हजार रुपए में इलाहाबाद से खरीदा था। जिससे पिस्टल खरीदा था उसने उसे रायपुर में लाकर दिया था। संदीप उसका नहीं नहीं बता सका। दूसरे दिन पुलिस ने नया खुलासा किया कि संदीप ने पिस्टल इलाहाबाद से नहीं दुर्ग में अपने साथ पढ़े युवक भगतसिंह गुरुदत्ता से 1 लाख 30 हजार में खरीदा था।
संदीप की घर से जब्त पिस्टल के मामले में भी पुलिस तीन दिन में तीन कहानी सुना चुकी है। पहले कहा गया कि संदीप ने पिस्टल को 40 हजार रुपए में इलाहाबाद से खरीदा था। जिससे पिस्टल खरीदा था उसने उसे रायपुर में लाकर दिया था। संदीप उसका नहीं नहीं बता सका। दूसरे दिन पुलिस ने नया खुलासा किया कि संदीप ने पिस्टल इलाहाबाद से नहीं दुर्ग में अपने साथ पढ़े युवक भगतसिंह गुरुदत्ता से 1 लाख 30 हजार में खरीदा था।
यह पिस्टल मुंगेर बिहार से लाया गया था। तीसरे दिन फिर नई बात सामने आ गई। पुलिस ने एक और युवक शैलेंद्र सागर को गिरफ्तार किया। कहानी बदल गई। पुलिस ने कहा कि शैंलेद्र आदनत बदमाश है। वह सागर (मध्यप्रदेश) से पिस्टल खरीद कर लाता था। इसके पहले कब कब खरीद कर लाया इसका खुलासा भी पुलिस ने नहीं किया।