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छत्तीसगढ़ का अनोखा गांव, यहां हर घर में लिखा है परिवार की महिला मुखिया का नाम, नई सोच की चर्चा दिल्ली तक

locationदुर्गPublished: Mar 07, 2021 07:58:29 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

पतोरा में पहली बार घर के बाहर मुखिया का नाम महिला के नाम पर है। यहां पंचायत ने तय किया कि महिला सशक्तिकरण तभी होगा जब महिलाओं के हाथ में जिम्मेदारी होगी। ( International Women’s Day 2021)
 

छत्तीसगढ़ का अनोखा गांव, यहां हर घर में लिखा है परिवार की महिला मुखिया का नाम, नई सोच की चर्चा दिल्ली तक

छत्तीसगढ़ का अनोखा गांव, यहां हर घर में लिखा है परिवार की महिला मुखिया का नाम, नई सोच की चर्चा दिल्ली तक

दुर्ग. महिला सशक्तिकरण की दिशा में दुर्ग जिले के ग्राम पतोरा ने एक ऐसा कदम बढ़ाया है जिसकी चर्चा दिल्ली तक हो रही है। पतोरा में पहली बार घर के बाहर मुखिया का नाम महिला के नाम पर है। यहां पंचायत ने तय किया कि महिला सशक्तिकरण तभी होगा जब महिलाओं के हाथ में जिम्मेदारी होगी। महिलाएं घर में वास्तविक मुखिया की भूमिका अदा करती है लेकिन घर के सामने नाम पुरुषों का होता है। ग्राम पतोरा ने यह चलन बदला और इस गांव के हर घर में महिला मुखिया का नाम इंगित है।
महिला सशक्तिकरण का पेश किया उद्धाहरण
इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि ग्राम पतोरा में पंचायत द्वारा अभिनव पहल की गई ताकि महिला सशक्तिकरण का एक मजबूत मैसेज दिया जा सके। गांव के लोग काफी गौरवान्वित है। गांव की सरपंच अंजीता साहू ने बताया कि हमने यह निर्णय लिया कि गांव के हर घर में महिला मुखिया का नाम घर के सामने लिखेंगे। स्वाभाविक रूप से इस कदम से महिला सशक्तिकरण को मजबूती मिलेगी। साथ ही इस महत्वपूर्ण निर्णय से अन्य गांव के लोग भी महिलाओं को सशक्तिकरण करने के प्रयासों को बढ़ावा देंगे।
घर के सारे निर्णय लेती हैं महिलाएं
सरपंच साहू ने बताया कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए यह अहम है कि मुखिया की जिम्मेदारी महिलाओं को दी जाए, क्योंकि घर के अहम निर्णय में अंतिम रूप से मुखिया की स्वीकृति होती है। मुखिया के अनुमोदन के बाद ही घर के सारे निर्णय होते हैं स्वाभाविक रूप से पतोरा में जब यह निर्णय लिया गया है तो इसके परिणाम बहुत अच्छे होंगे और महिलाओं की शक्ति मजबूत होगी। महिलाओं के हाथ मजबूत होने से स्वाभाविक रूप से परिवार भी मजबूत होगा और परिवार मजबूत होने से गांव मजबूत होगा।
गांव के पुरुष भी इस निर्णय से काफी खुश हैं, उन्होंने बताया कि स्त्री और पुरुष दोनों मिलकर ही परिवार का संचालन करते हैं। घर के अधिकतर निर्णय महिलाएं लेती हैं। घर के मुखिया के रूप में भी महिला को ही जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। पतोरा गांव में ग्रामीणों के इस नवाचार को देखने रविवार को दिल्ली से टीम भी पहुंची। दिल्ली की टीम ने इस नवाचार की प्रशंसा की और गांव के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीण जनों से बातचीत की। दिल्ली के टीम के सदस्यों ने कहा कि यह पहल बहुत ही महत्वपूर्ण है। नारी सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। दिल्ली की टीम से स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी आनंद शंकर के साथ अधिकारी पहुंचे थे। पतोरा गांव की पंचायत ने ऐसी पहल की है जो पूरे देश के लिए मिसाल बनेगी।
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