घटना शाम करीब सवा चार बजे की है। डिपरापारा शास्त्री चौक के पास रहने वाला नारायण क्षत्रिय (40 साल) अपने घर के एक कमरे में आराम कर रहा था। वहीं उसकी बड़ी बेटी गौरी क्षत्रिय (14 साल) स्कूल में छुट्टी होने के कारण उसी कमरे में पढ़ाई कर रही थी। जबकि छोटी बेटी मुस्कान (10 साल) खेल रही थी। इस बीच सीमेंट की शीट और खपरैल से बना छप्पर भरभरा कर गिर गया। जिससे नारायण और उसकी दोनों बेटियां दब गई। घटना के चलते नारायण के हाथ व सिर में चोट आई है। मुस्कान को भी सिर में चोट लगी है, जबकि गौरी को मामूली चोट आई है। घटना के समय नारायण की पत्नी शशि काम में गई थी।
नारायण ने सीमेंट की शीट के ऊपर खपरैल डाल रखा था। माना जा रहा है कि बारिश के कारण खपरैल भारी हो गया। इससे शीट उसका वजन सह नहीं पाया और टूट गया। इससे शीट और खपरैल भरभराकर गिर गया।
नारायण के घर के ठीक सामने निर्मलकर परिवार का घर है। यहां घर के मुख्यद्वार से लगे कमरे में घटना के समय निर्मलकर परिवार के लोग टीवी देख रहे थे। दिनेश निर्मलकर ने छप्पर गिरने की आवाज सुनी तो उसने आसपास के लोगों को आवाज देकर बुलाया और घायलों को बाहर निकाला और घायलों को पड़ोस के निजी डॉक्टर के पास पहुंचाया।
घटना की सूचना पर विधायक अरुण वोरा, महापौर चंद्रिका चंद्राकर और जोगी कांग्रेस के नेता प्रताप मध्यानी सहित नगर निगम के कई पार्षद हाल जानने मौके पर पहुंचे। मध्यानी ने परिवार को तत्काल पांच हजार सहायता राशि दी। महापौर ने मकान का छत बनवाने का आश्वासन दिया। वहीं विधायक वोरा घायलों को लेकर उफचार कराने जिला अस्पताल पहुंचे।