scriptदुर्ग नगर निगम – सरकारी स्कूल की जमीन की बिक्री को हामी, दुकानों के बरामदें पर बहुमत का इनकार | Sale of school land approved in Durg Corporation | Patrika News

दुर्ग नगर निगम – सरकारी स्कूल की जमीन की बिक्री को हामी, दुकानों के बरामदें पर बहुमत का इनकार

locationदुर्गPublished: Mar 29, 2023 09:24:39 pm

Submitted by:

Hemant Kapoor

नगर निगम की सामान्य सभा के दूसरे दिन बुधवार को सरकारी जमीन और निगम की दुकानों के बरामदों की बिक्री पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर घमासान मचा। घमासान इतना बढ़ा कि दुकानों के बरामदों के मामले में सदन को मत विभाजन करना पड़ा। इसमें विपक्षी भारी रहे और दुकानों के बरामदों की बिक्री का प्रस्ताव बहुमत से खारिज हो गया। हालांकि बाद में सरकारी स्कूल की जमीन की बिक्री का प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया।

दुर्ग नगर निगम - सरकारी स्कूल की जमीन की बिक्री को हामी, दुकानों के बरामदें पर बहुमत का इनकार

आरोप-प्रत्यारोप में बीते चार घंटे, आधा दर्जन से ज्यादा प्रस्ताव बिना चर्चा के ही पारित

गौरतलब है कि सामान्य सभा के पहले दिन मंगलवार को निगम की बजट को सर्वसहमति से मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन करीब एक दर्जन दूसरे प्रस्तावों पर चर्चा नहीं हो पाई थी। सभापति राजेश यादव ने इन पर चर्चा के लिए बुधवार का दिन तय किया था। इसी के मुताबिक बुधवार की दोपहर 12 बजे दोबारा बैठक शुरू हुई। बैठक में सिलसिलेवार दुकानों के बरामदों और महात्मा गांधी स्कूल की जमीन की बिक्री और फिल्टर प्लांट परिसर का नाम दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के नाम पर करने संबंधी प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इससे सबसे ज्यादा घमासान दुकानों के बरामदों के बिक्री के प्रस्ताव पर मचा। विपक्ष और निर्दलीय ने इस प्रस्ताव पर सत्तापक्ष की जमकर खिंचाई की। वहीं सत्तापक्ष इससे आय में बढ़ोतरी का हवाला देकर प्रस्ताव पारित करने पर जोर लगाते रहे। लिहाजा इस पर मत विभाजन का फैसला किया गया। जिसमें प्रस्ताव के विरोध में 18 और पक्ष में 17 मत पड़े। शेष सदस्यों ने मत विभाजन में भाग नहीं लिया। इस तरह दुकानों के बरामदों के बिक्री का प्रस्ताव खारिज हो गया। इसी तरह सरकारी स्कूल की जमीन के प्रस्ताव को भी विपक्ष ने खारिज करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन सत्तापक्ष इसे बहुमत से ही पारित कराने में सफल रहा।

बहुमत के बाद भी हारी शहर सरकार
बुधवार को बैठक में सत्तापक्ष को उस समय जमकर किरकिरी झेलनी पड़ी जब सदन में बहुमत के बाद भी दुकानों के बरामदों के बिक्री का प्रस्ताव खारिज हो गया। दरअसल इस दौरान सत्तापक्ष के ही कई पार्षदों ने विरोध में मत दे दिया वहीं कई लोगों ने चुप्पी साध ली। इससे उनका यह प्रस्ताव एक मत के अंतर से गिर गया। इस पर बाद में सत्तापक्ष के सीनियर नेताओं की नाराजगी भी दिखी।

स्कूल की जमीन पर जमकर तकरार
इधर महात्मा गांधी स्कूल की जमीन की बिक्री के प्रस्ताव को सत्तापक्ष पारित कराने में कामयाब रहा, लेकिन इसके लिए उन्हें विपक्ष के तकरारों का जमकर सामना करना पड़ा। मामले में विपक्ष और निर्दलीयों ने एकजुट होकर सत्तापक्ष को घेरा और स्कूल की उपयोगी सरकारी जमीन को बेचने पर आपत्ति दर्ज कराई। मामले में पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप भी हुए, लेकिन यह प्रस्ताव पर्याप्त बहुमत से पारित हो गया।

दिवंगत वोरा की गरिमा पर सवाल
मालवीय नगर चौक स्थित फिल्टर प्लांट परिसर का नाम दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के नाम पर किए जाने के प्रस्ताव पर भी सत्तापक्ष विपक्ष के तीखे तेवरों का सामना करना पड़ा। दरअसल विपक्ष का कहना था कि दिवंगत नेता के व्यक्तित्व व गरिमा के अनुरूप किसी बड़े निर्माण का नामकरण उनके नाम पर किया जाना चाहिए, लेकिन मौजूदा सरकार ऐसा कोई भी काम नहीं कर पाई। पहले से ही नामकरण के बोर्ड लगाए जाने पर भी सवाल खड़े किए गए, लेकिन सभी इसे बाद में सर्वसहमति से पारित कर दिया।

चूक- पहले दिन बजट पास, दूसरे दिन चर्चा
बैठक के दौरान आसंदी की भी बड़ी चूक सामने आई। सामान्य सभा के पहले ही दिन बजट सर्वसहमति से पास कर लिया गया था। इस दिन डिमांड के बाद भी कई पार्षदों को अभिमत रखने समय नहीं दिया गया। इस तरह बजट का विषय वस्तु समाप्त हो गया था। इसके बाद भी दूसरे एजेंडों से पहले बिना पूर्व सूचना पार्षदों के करीब दो घंटे तक वार्डों की समस्याओं पर चर्चा कराई गई। जानकारों की मानें तो एजेंडों के बीच ऐसा नहीं कराया जा सकता।
https://www.dailymotion.com/embed/video/x8jkc07
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो