अफसर के जवाब पर फूटा गुस्सा
जिला पंचायत के कृषि स्थायी समिति की बैठक में सभापति मुकेश बेलचंदन ने खुद यह मामला उठाया। उन्होंने अफसरों पर मामला जान बूझकर दबाने का आरोप लगाते हुए जानकारी मांगी। इस पर उप संचालक कृषि जीएस ध्रुवे ने कलक्टर की ओर से कोई भी निर्देश नहीं मिलने की बात कह दी। इस पर सभापति सहित बैठक में मौजूद सदस्य जयंत देशमुख व अन्य बिफर गए।
यह है कृषि भ्रमण में गड़बड़ी
विवाद उद्यानिकी विभाग द्वारा कृषि तकनीकी और फसल परिवर्तन के अध्ययन के लिए किसानों को कराए जाने वाले भ्रमण से जुड़ा है। वर्ष 2016 और 2017 के बनारस और पुणे की सरकारी खर्चे पर यात्रा कराई गई थी। इसमें जिला पंचायत अध्यक्ष माया बेलचंदन, उनके पुत्र प्रखर और पुत्री अंजलि सहित उनके परिचितों और अन्य जान पहचाने के लोगों और उनके परिवारों द्वारा नियम विरूद्ध यात्रा किए जाने का आरोप है। दोनों ही यात्रा में उन्हीं लोगों को नाम अथवा पता बदलकर ले जाने का भी आरोप है। इसके अलावा कृषि स्थायी समिति के सभापति मुकेश बेलचंदन की फर्जी हस्ताक्षर कर राशि आहरित कर लेने की भी शिकायत है।
सामान्य सभा में भी उठ चुका है मामला
कृषि भ्रमण के नाम पर गड़बड़ी और करीब 1 लाख 85 हजार रुपए फर्जी हस्ताक्षर से आहरण का मामला जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठकों में लगातार उठता रहा है। सामान्य सभा में इस मामले की जांच कराने का प्रस्ताव भी पारित हो चुका है। जांच के लिए उप संचालक कृषि जीएस ध्रुवे, उप संचालक उद्यानिकी सुरेश ठाकुर और जिला पंचायत के अधिकारी केके तिवारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था।
अफसरों की अनुपस्थिति पर भी फूटी नाराजगी
कृषि भ्रमण में गड़बड़ी के अलावा अफसरों की बैठक में गैर मौजूदगी पर भी सदस्यों का गुस्सा जमकर फूटा। दरअसल सूचना के बाद भी बैठक में राजस्व, मत्स्य, उद्यानिकी, नाबार्ड और सीएसईबी के अधिकारी नहीं पहुंचे। सदस्यों ने इसे सदन की उपेक्षा करार देते हुए अगली बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थिति के लिए निर्देश जारी करने का प्रस्ताव पारित किया।