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दुर्ग जिले में खुलेंगे छह नए इंग्लिश मीडियम स्कूल, शासन का दावा प्राइवेट स्कूलों की तरह होंगी सुविधाएं

प्राइवेट स्कूलों की तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर औ र बेहतर गुणवत्ता की अंग्रेजी शिक्षा देने के लिए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले गए हैं।

दुर्गMay 30, 2021 / 06:11 pm

Dakshi Sahu

दुर्ग जिले में खुलेंगे छह नए इंग्लिश मीडियम स्कूल, शासन का दावा प्राइवेट स्कूलों की तरह होंगी सुविधाएं

दुर्ग. प्राइवेट स्कूलों की तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर औ र बेहतर गुणवत्ता की अंग्रेजी शिक्षा देने के लिए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल (Atmanand English Medium School ) खोले गए हैं। पिछले सत्र में दस स्कूलों में पढ़ाई हुई थी, इस बार छह नए स्कूल खोले जा रहे हैं। नए सत्र की तैयारियों के लिए इन स्कूलों को अपग्रेड किया जा रहा है और जरूरतों के मुताबिक अतिरिक्त कक्ष बनाए जाने की योजना बनाई गई है। इन सब तैयारियों का जायजा लेने कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे शनिवार को पाटन ब्लाक के स्कूलों में पहुंचे।
बेहतर मानदंड स्थापित करें
कलेक्टर ने सेलूद, जामगांव आर, जामगांव एम और रानीतराई के स्कूल देखे। यहां पर उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर अपडेट करने के सुझाव दिए। कलेक्टर ने कहा कि पिछले सत्र में जिस तरह से स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। उसके अनुरूप यहां भी कार्य करें ताकि यह स्कूल हर मायने में बेहतर मानदंड स्थापित करे। उन्होंने कहा कि यदि अतिरिक्त कक्षों की आवश्यकता होती है तो इसके लिए प्लान करें। बच्चों के प्लेग्राउंड, स्पोट्र्स कार्नर आदि के लिए भी काम करें ताकि बच्चों के व्यक्तित्व का समग्र विकास हो सके। इसके अलावा बड़ी कक्षाओं वाले छात्र-छात्राओं के लिए साइंस लैब की बेहतर व्यवस्था भी होनी चाहिए।
अफसरों को दी हिदायत
उन्होंने डीईओ प्रवास सिंह बघेल से पिछले और इस सत्र में एडमिशन की स्थिति की जानकारी भी ली। प्राचार्यों को कहा कि आप जितना बेहतर नवाचार करना चाहें उसके सुझाव दे सकते हैं। इस दौरान अपर कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक, सहायक कलेक्टर हेमंत नंदनवार मौजूद थे।
हर स्कूल में 500 से अधिक विद्यार्थी
डीईओ प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि पिछले सत्र में बच्चों का एडमिशन काफी अच्छा रहा है। हर स्कूल में 500 से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने विशेष रूप से शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। सिलेबस पूरा करने के संबंध में, बच्चों का नए माध्यम से बेहतर समन्वय स्थापित करने रणनीति बनाने लगातार समीक्षा होती रहती है इसके अच्छे नतीजे मिल रहे हैं।
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