वैशाली ने बताया कि वह रायपुर महिला पॉलीटेक्निक की फाइनल ईयर की छात्रा है। रोज ट्रेन से कॉलेज आना-जााना करती है। शुक्रवार को लोकल ट्रेन छूट गई। सहेलियों के साथ इतवारी इंटरसिटी में चढ़ गई। काफ ी भीड़ थी इस वजह से दो सहेलियों के साथ गेट के पास ही खड़ी थी। भिलाई तीन स्टेशन से ट्रेन कुछ आगे बढ़ी तभी अचानक कुछ लड़के ट्रेन में पत्थर मारने लगे। एक पत्थर दायीं आंख में लग गई। पत्थर इतनी तेजी से लगा कि वह बेहोश हो गई। इसके बाद उसे नहीं मालूम अस्पताल कैसे पहुंची।
भिलाई तीन जीआरपी पुलिस ने बताया कि घटना शुक्रवार शाम भिलाई तीन और खुर्सीपार के बीच की है। कैंप-2 बैकुंठ धाम निवासी रामङ्क्षसह देवांगन की बेटी वैशाली देवांगन रायपुर पॉलीटेक्निक कॉलेज से लौट रही थी। खुर्सीपार के पहले शरारती तत्वों ने चलती ट्रेन में पत्थर मारा। गेट के पास खड़ी वैशाली के आंख में एक पत्थर लगी। इससे वह वहीं गिर गई। खून बहने लगा। मुसाफिरों ने फोन पर इसकी सूचना दी। दुर्ग स्टेशन पर उसे उतारा गया। तत्काल एम्बुलेंस की मदद से जिला अस्पातल में भर्ती कराया गया। पत्थर से उसका नाक फट गया था। आंख सूजकर बाहर आ गई थी। प्रथामिक उपचार के बाद उसे एम्स रेफर किया गया।
पुलिस के अनुसार पत्थर आंख में लगी। इससे दायीं आंख में गंभीर चोट आ गई। दूसरी आंख में इनफेक्शन होने की वजह से शनिवार को एक आंख निकलनी पड़ी। एम्स में तीन दिन तक उसका इलाज चला।
वैशाली के पिता राम सिंह पावर हाउस में ठेले पर फल दुकान लगाते हैं। ऑपरेशन का खर्च उठाने में असमर्थ थे, फिर भी इलाज कराया। रेलवे भर्ती केे लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही थी। उसने कहा कि पढ़ाई नहीं छोडूंगी।
जिस जगह पत्थरबाजी हुई वहां आए दिन इस तरह की घटना होती है। असामाजिक तत्व पटरी किनारे बैठे रहते हैं और इस तरह की घटना को अंजाम देते हैं। जीआरपी को इसकी जानकारी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करती।
वैशाली के परिजनों का आरोप है कि घटना की सूचना जिम्मेदार अधिकारियों को मिलने के बाद भी कोई अस्पताल नहीं पहुंचा। वैशाली ने अपनी एक आंख की रोशनी खो दी। तीन दिनों से वह एम्स में भर्ती थी। चरोदा जीआरपी की टीम अस्पताल गई लेकिन वह टिकट को लेकर पूछताछ करती रही। छात्रा ने बताया कि 80 रुपए में उसकी और सहेली के लिए टिकट ली थी। घटना में उसका पर्स व अन्य सामान भी गिर गया। डीआरएम रायपुर कौशल किशोर ने बताया कि ऐसे मामले ट्रिब्यूनल में लगाए जाते हैं। इस मामले में जीआरपी और आरपीएफ की जांच रिपोर्ट रेलवे को सौंपेंगे।उसी आधार पर कार्रवाई होगी।