दुर्ग-राजनांदगांव मार्ग पर शिवनाथ ब्रिज के नीचे स्थित ठाकुर ठेला के संचालक सुरेन्द्र सिंह राजपूत बताते हैं कि उनके पूर्वजों ने वर्ष 1975 में यहां पान के ठेले से व्यवसाय शुरू किया था। @Patrika. तब से उनके प्रतिष्ठान की पहचान ठाकुर ठेला के रूप में है। अब यह खाने-पीने की चीजों के बड़े स्टॉल में बदल गया है, लेकिन अब भी उनका स्टॉल ठाकुर ठेला के नाम से ही जाना जाता है।
सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि लोगों की डिमांड पर पान ठेले के साथ उनके पूर्वजों ने खाने-पीने की चीजें बेचनी शुरू की। खाने-पीने की चीजें लोगों की इतनी पसंद आया कि रास्ते से गुजरने वालों के साथ दुर्ग-भिलाई के लोग भी केवल नाश्ते व चाय के लिए यहां पहुंचते है। @Patrika. उन्होंने बताया कि ठेले में नाश्ते की हर वेरायटी मिलती है और वहीं स्वाद मेंटेन रखने का प्रयास किया जाता हैै।