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घर बैठे देनी थी कॉलेज की परीक्षा उसे भी छात्रों ने नहीं लिया गंभीरता से, किसी ने कॉपी कोरी छोड़ी तो किसी ने नहीं दिया सही जवाब

locationदुर्गPublished: Oct 14, 2020 01:49:41 pm

Submitted by:

Murlidhar Chandak

कोविड-19 की वजह से दुर्ग विवि की वार्षिक परीक्षा ओपन बुक पैटर्न में लेने के बावजूद भी छात्रों ने सही ढंग से प्रश्नों के उत्तर नहीं दिए। किसी ने कॉपी को कोरा छोड़ दिया तो किसी ने प्रश्नों के सटीक उत्तर नहीं लिखे।

घर बैठे देनी थी कॉलेज की परीक्षा उसे भी छात्रों ने नहीं लिया गंभीरता से, किसी ने कॉपी कोरी छोड़ी तो किसी ने नहीं दिया सही जवाब

घर बैठे देनी थी कॉलेज की परीक्षा उसे भी छात्रों ने नहीं लिया गंभीरता से, किसी ने कॉपी कोरी छोड़ी तो किसी ने नहीं दिया सही जवाब

भिलाई. कोविड-19 की वजह से दुर्ग विवि की वार्षिक परीक्षा ओपन बुक पैटर्न में लेने के बावजूद भी छात्रों ने सही ढंग से प्रश्नों के उत्तर नहीं दिए। किसी ने कॉपी को कोरा छोड़ दिया तो किसी ने प्रश्नों के सटीक उत्तर नहीं लिखे। छात्रों ने परीक्षा को गंभीरता से नहीं लिया। घर बैठे उत्तर लिखने की सुविधा मिलने के बाद भी छात्रों ने इसमें बेहतर प्रदर्शन नहीं किया। यहां तक कि पीजी के छात्रों ने भी मात्र एक-एक पेज का आंसर लिख कर ऐसी कई शिकायतें प्राचार्यो ने विवि की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा से की। अधिकांश कॉलेजों के प्रोफेसर्स ने जब मूल्यांकन के लिए कॉपियां खोली तो पता चला कि छात्रों ने उत्तर के नाम पर दो से चार लाइन लिखकर खानापूर्ति कर दी। विवि के डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर दोनों ही परीक्षाओं में कई छात्रों ने अच्छा परफार्मेस नहीं दिया। जबकि वे इसे गंभीरता से लेते तो अच्छे रिजल्ट हासिल कर सकते थे।
जितना लिखा उतने नंबर
कुलपति, डॉ. अरूणा पल्टा ने बताया कि प्राध्यापक, विद्यार्थी एवं प्राचार्यो ने ओपन बुक परीक्षा को जनरल प्रमोशन जैसा मानकर उसे गंभीरता से नहीं लिया। जबकि वास्तव में जनरल प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है। केवल कोविड-19 संक्रमण से बचने छात्रों को घर बैठे परीक्षा देने की सुविधा दी गई थी। यह पूर्ण परंपरागत परीक्षा प्रणाली के केवल तरीके में परिवर्तन मात्र है। इसलिए प्राध्यापक भी उत्तर पुस्तिका की जांच के दौरान छात्रों के परफार्मेस यानी जितना उन्होंने लिखा है उसके आधार पर ही नंबर दें।
तो परिणाम होंगे प्रभावित
विवि के कुलसचिव डॉ. सीएल देवांगन ने बताया कि जिन विद्यार्थियों ने या तो कोरी कापियां जमा की है, या अपेक्षाकृत उत्तर नहीं लिखे हैं उनके परीक्षा परिणाम प्रभावित होंगे। ऐसे में इन सभी छात्रों को दोबारा अवसर दिया जाएगा। जिसमें वे फिर एक बार सफल होने का मौका पा सकते हैं। उप कुलसचिव परीक्षा, भूपेन्द्र कुलदीप ने बताया कि अधिकांश महाविद्यालयों में मूल्यांकन कार्य लगभग 25 प्रतिशत से ज्यादा पूर्ण हो चुका हैं। साथ ही प्राप्तांक विवि के पोर्टल पर प्राप्त होने लगे हैं। अक्टूबर के आखिर तक कई संकाय और कक्षाओं के परिणाम घोषित हो जाएंगे।
पीएचडी की परीक्षा नवंबर में
अकादमिक विभाग के सहा. कुलसचिव, डॉ. सुमीत अग्रवाल ने बताया कि दुर्ग विवि पीएचडी कोर्स वर्क की परीक्षा नवंबर के अंत या दिसंबर के शुरुआत में लेने की योजना है। इसलिए शोधार्थी कोर्स वर्क परीक्षा के लिए तैयारी करते रहें। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि जिन महाविद्यालयों में किसी विभाग में 3 पीएचडी उपाधि प्राप्त नियमित प्राध्यापक पदस्थ हैं, वहां उस विषय के शोध केन्द्र खोले जाने को भी विवि प्रशासन प्रयासरत है।
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