Read more: चार साल से नहीं मिला वेतन तो स्कूल के गार्ड ने की साढ़े 4 लाख के मॉनिटर की चोरी … ओएलएक्स में देखा था विज्ञापन
धोखाधड़ी का शिकार प्रकाश परमार ने पुलिस को बताया कि उसने माना एयरपोर्ट (Mana Airport) में नौकरी (JOB)देने का विज्ञापन ओएलएक्स में पढ़ा था। इसके बाद बताए हुए पते पर अपना परिचय पत्र पोस्ट किया। कुछ दिनों बाद इंडिगो कंपनी की ओर से सुपरवाइजर की नौकरी देने कोमल शर्मा नामक व्यक्ति ने मोबाइल पर चर्चा की और 4000 रुपए पंजीयन कराने के नाम से राशि जमा करने कहा। तब उन्होंने जिला पंचायत कार्यालय परिसर में स्थित यूनियन बैंक (Union Bank Durg) से राशि ट्रांसफर किया।
धोखाधड़ी का शिकार प्रकाश परमार ने पुलिस को बताया कि उसने माना एयरपोर्ट (Mana Airport) में नौकरी (JOB)देने का विज्ञापन ओएलएक्स में पढ़ा था। इसके बाद बताए हुए पते पर अपना परिचय पत्र पोस्ट किया। कुछ दिनों बाद इंडिगो कंपनी की ओर से सुपरवाइजर की नौकरी देने कोमल शर्मा नामक व्यक्ति ने मोबाइल पर चर्चा की और 4000 रुपए पंजीयन कराने के नाम से राशि जमा करने कहा। तब उन्होंने जिला पंचायत कार्यालय परिसर में स्थित यूनियन बैंक (Union Bank Durg) से राशि ट्रांसफर किया।
Read more: Big Breaking: मजदूरों से भरी ट्रेक्टर ट्रॉली पलटी, दो महिलाओं की मौत, दस से ज्यादा घायल… कुछ दिनों बाद स्वयं को इंडिगो कंपनी (IndiGo Airline) का एचआर बताते हुए जसप्रीत सिंह नामक व्यक्ति ने फोन कर गेटपास, आईडी कार्ड और यूनिफार्म के लिए 25,253 रुपए तत्काल एकाउंट में ट्रांसफर करने कहा। इसके बाद स्टाफ क्वाटर के लिए 15,200 रुपए जमा कराया गया। अंत में पासपोर्ट की डिमांड की गई। नहीं होने की जानकारी देने पर 5300 रुपए जमा कराया गया।
पूछताछ पर गोपनीयता बरतने कहा
राशि जमा करने के बाद भी किसी तरह का लेटर नहीं मिलने पर प्रकाश परमार ने मोबाइल नंबर पर फिर संपर्क किया और कहा कि एयरपोर्ट में नौकरी देने की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है। चंूकि मामला सुरक्षा से जुड़ा है इसलिए वे किसी तरह की जानकारी सार्वजनिक नहीं किया गया।
राशि जमा करने के बाद भी किसी तरह का लेटर नहीं मिलने पर प्रकाश परमार ने मोबाइल नंबर पर फिर संपर्क किया और कहा कि एयरपोर्ट में नौकरी देने की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है। चंूकि मामला सुरक्षा से जुड़ा है इसलिए वे किसी तरह की जानकारी सार्वजनिक नहीं किया गया।
इंतजार के बाद भी नहीं मिला नियुक्ति पत्र
लंबे समय तक इंतजार करने के बाद भी नियुक्ति पत्र नहीं मिलने पर उसने उपलब्ध नंबर पर संपर्क किया लेकिन बात नहीं हुई। तब उसने मोबाइल नबंर को आधार बनाकर पुलिस में शिकायत की। जांच के दौरान ट्रेस किए गए नबंर का नाम व लोकेशन मिलने पर जुर्म दर्ज किया।
लंबे समय तक इंतजार करने के बाद भी नियुक्ति पत्र नहीं मिलने पर उसने उपलब्ध नंबर पर संपर्क किया लेकिन बात नहीं हुई। तब उसने मोबाइल नबंर को आधार बनाकर पुलिस में शिकायत की। जांच के दौरान ट्रेस किए गए नबंर का नाम व लोकेशन मिलने पर जुर्म दर्ज किया।