scriptस्वाइन फ्लू: 12 संदिग्ध समेत 19 भर्ती, सात की रिपोर्ट पॉजीटिव | Swine Flu: 19 recruitments including 12 suspects seven report positive | Patrika News

स्वाइन फ्लू: 12 संदिग्ध समेत 19 भर्ती, सात की रिपोर्ट पॉजीटिव

locationदुर्गPublished: Sep 19, 2017 12:05:15 pm

स्वाइन फ्लू के सात और नए मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटिव आने से स्वास्थ्य विभाग सकते में है। जिले के अलग-अलग अस्पतालों में इस समय 19लोग भर्ती हैं।

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दुर्ग. स्वाइन फ्लू के सात और नए मरीज मिले हैं। एकमुश्त सात मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटिव आने से स्वास्थ्य विभाग सकते में है। जिले के अलग-अलग अस्पतालों में इस समय 19लोग भर्ती हैं। सभी का सैंपल जांच के लिए लैब भेजा गया है। इनमें से सात मीरजों की रिपोर्ट सोमवार को मिली। सभी की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है।
नियंत्रण के ठोस उपाय करने के दावे की पोल फिर खुल गई

शेष 12 लोगों की रिपोर्ट आना बाकी है। इस रिपोर्ट से अफसरों का नियंत्रण के ठोस उपाय करने के दावे की पोल फिर खुल गई है। क्योंकि स्वाइन फ्लू के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। शहर के पांच बड़े निजी अस्पताल में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वहां के डॉक्टरों ने सात मरीजों को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टी करते हुए स्वास्थ्य विभाग को जानकारी भेजी है। मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों से दिन में कम से कम दो बार रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को एक मरीज के स्वस्थ्य होने पर छुट्टी देने की भी जानकारी दी गई है।
एडवाइजरी नजरअंदाज
स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार की सलाह की लगातार अनदेखी की है। एडवाजरी को नजरअंदाज करने का नतीजा है कि स्वाइन फ्लू पांव पसारता जा रहा है। विभाग ने अब तक यह चिन्हिंत नहीं किया है कि किस एरिया में इसके मरीज अधिक मिल रहे हैं, ताकि ऐसे क्षेत्र में समुचित एहतियाती कदम उठाया जा सके।
सर्वे में भरपूर लापरवाही
स्वाइन फ्लू के पांव पसारने का एक बड़ा कारण सर्वे में लापरवाही भी है। मरीज मिलने पर खानापूर्ति की तर्ज पर सर्वे किया गया। सर्वे में लगाए गए कर्मचारियों को बचाव के संसाधन तक मुहैय्या नहीं कराया गया। इसका खुलासा कर्मचारियों ने ही किया है। यही कारण है कि वे जोखिम लेकर सर्वे करने से बचना चाहते हैं। उन्हें मास्क तक नहीं दिया गया है।
वैक्सीन खरीदी में देरी का यह बता रहे कारण
अधिकारियों का कहना स्वाइन फ्लू का वैक्सीन दवा विक्रेताओं के पास स्टाक में नहीं हैं। आर्डर पर वे मुबंई से मंगा कर देंगे। अधिकारियों को निर्देश दिया गय है कि लोकल परचेस के लिए जारी डिमांड लेटर में वे अर्जेंट अवश्य लिखे, ताकि वैक्सीन विभाग को जल्द उपलब्ध हो सके। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और जिला अस्पताल को वैक्सीन खरीदने का निर्देश दिया गया है।
शहरी क्षेत्र में ज्यादा मरीज
अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में शहरी क्षेत्रमें स्वाइन फ्लू के मरीज अधिक हैं। खास कर जीई रोड के किनारे श्रमिक बस्ती और पॉश कालोनी में। इसलिए सर्वे भी इन्ही स्थानों पर किया जा रहा है।
सरकारी में नहीं जाते मरीज
स्वाइन फ्लू से पीडि़त व संदिग्ध मरीज लगातार मिल रहे हैं पर कोई सराकारी अस्पताल में इलाज कराने नहीं जा रहा है। जबिक सरकारी अस्पतालों में दवा उपलब्ध होने के साथ अलग से इंतजाम करने का दावा किया जा रहा है। आखिर क्या वजह है कि सरकारी अस्पताल में जाने से मरीज बच रहे हैं।
निजी में जाना मजबूरी
स्वाइन फ्लू के मरीज निजी अस्पतालों में ही इलाज करवा रहे हैं। १९ लोग भर्ती हैं वे सब निजी अस्पताल में हैं। जबकि नीजि में इलाज मंहगा है फिर भी इलाज करवाना उनकी मजबूरी है। कुछ मरीजों के परिजनों से बातचीत में यह बात सामने आई कि सरकारी अस्पताल में मरीजों का ठीक से केयर नहीं किया जाता।
वैक्सीनेशन में टालमटोल
स्वास्थ्य विभाग के अफसर वैक्सीनेशन को लेकर शुरु से टालमोटल कर रहे हैं। इस रोग से पीडि़त मरीज के परिवार को वैक्सीन लगाया जाना चाहिए पर अब तक किसी को नहीं लगाया गया। कहते रहे वैक्सीन सरकार भेज नहीं रही है। फिर बोले हमनें डिमांड की है। इस तरह पांच माह बीत गए वैक्सीन का अता पता नहीं है।
खानापूर्ति की तर्ज पर सर्वे

स्वाइन फ्लू के पांव पसारने का एक बड़ा कारण सर्वे में लापरवाही भी है। मरीज मिलने पर खानापूर्ति की तर्ज पर सर्वे किया गया। सर्वे में लगाए गए कर्मचारियों को बचाव के संसाधन तक मुहैय्या नहीं कराया गया। इसका खुलासा कर्मचारियों ने ही किया है। उन्हें मास्क तक नहीं दिया गया है।
सात मरीजों का पॉजेटिव रिपोर्ट

सोमवार को सात मरीजों का पॉजेटिव रिपोर्ट आया है। वर्तमान में 19 मरीज भर्ती हैं। 12 मरीजों का रिपोर्ट नहीं आई है। वैक्सीन उपलब्ध होते ही आवश्यकता अनुसार वैक्सीन लगाने का कार्य शुरु किया जाएगा।
नोडल अधिकारी डॉ. राजेन्द्र कुमार खंडेलवाल
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