स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिन अस्पतालों को इलाज के लिए चिन्हित किया है उन्हें भी निर्देश जारी किया गया है कि संभावित मरीजों की जांच चिन्हित लैब से कराएं ताकि मरीजों को आर्थिक भार न पड़ सके। वर्ष 2017 में भी इन्ही दोनों अस्पतालों को शासन का गाइड लाइन आने पर जांच के लिए अधिकृत किया था। दोनों ही पैथालॉजी जांच के लिए सैंपल को मुबंई भेजते है। विभाग के अधिकारियों का कहना है दोनों ही लैब का चयन निर्धारित मापदण्ड को पूरा करने पर किया गया है।
सेक्टर-9 अस्पताल में 2 फरवरी को बीएसपी अधिकारी तन्मय सेन की 15 वर्षीय बेटी रोशनी सेन की मौत उपचार के दौरान हो गई थी। उसको स्वाइन फ्लू होने की आंशका व्यक्त की गई थी। डॉक्टरेां ने उसका सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजा था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि रोशनी की जांच रिपोर्ट आ चुकी है। रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
स्वास्थ्य विभाग ने खुलासा किया है कि सेक्टर ९ अस्पताल में भर्ती पॉजेटिव मरीज में एक बेमेतरा जिला का है। शुक्रवार को रिपोर्ट में मरीज को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि हुई है। विभाग के अधिकारियों ने बेमेतरा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जानकारी देते हुए एहतियाती कदम उठाने कहा है। इससे पहले बालोद के मरीज की मौत सेक्टर-9 में हो चुकी है।
कलेक्टर अंकित आनंद का कहना है कि संक्रमण धीरे धीरे कम हो रहा है। उनकी प्राथमिकता है कि वे स्वाइन फ्लू से पीडि़त मरीजों को चिन्हित कर इलाज कराएं। हमारे पास मेडिकल कॉलेज की सुविधा है। जहां नि:शुल्क इलाज हो रहा है। स्वेच्छा से इलाज कराने वालों के लिए कुछ अस्पतालों को चिन्हित किया है। उनकी मांग पर हमने टेमी फ्लू और मास्क की व्यवस्था भी कराई है। हमारे पास टेमी फ्लू और वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में है। स्वाइन फ्लू को लेकर एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। संक्रमण को लेकर अभियान भी चलाया जा रहा है, इसका फायदा आने वाले समय में दिखाई देगा।
स्वा इन फ्लू की जांच और इलाज के नाम पर मनमानी फीस वसूल करने के मामले की जांच होगी। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है। देर शाम जांच करने के आदेश मिलने के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.जीएस ठाकुर ने फौरन पांच डॉक्टरों की जांच कमेटी गठित की है। जांच के बाद कमेटी की रिपोर्ट को स्वास्थ्य विभाग सीधे विधानसभा को भेजेगा।
कांट्रेक्टर कालोनी निवासी शकुनबाई को स्वाइनफ्लू के इलाज के लिए बीएम शाह अस्पताल सुपेला में भर्ती कराया गया था। शकुन की 18 फरवरी को मौत हो गई थी। मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया था कि जांच के लिए अधिक राशि ली गई। रुपए नहीं देने पर शव को सौंपने से इनकार कर दिया था।
१. डॉ. एसआर चंद्राकर २. डॉ. अशोक सन्याल ३. डॉ. लाल मोहम्मद ४. डॉ. मनोज दानी
५. डॉ. ममता पाण्डेय जांच के बिन्दु
कितने दिन भर्ती रही, कितनी फीस ली, बेड व आइसीयू चार्ज कितना लिया, दवाइयों का बिल कितना बना था, अतिरिक्त शुल्क तो नहीं लिया इसके पहले २०१८ में तत्कालीन अहिवारा विधायक सांवला राम डहरे ने विधानसभा में स्वास्थ्य विभाग से निर्माणाधीन और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों की जानकारी मांगी थी। इस पर विभाग ने विधानसभा को जानकारी भेजी थी। जानकारी भ्रामक और असत्य होने पर विधानसभा ने जांच का आदेश दिया था।