अदालत ने फैसले में कहा कि अभियुक्त मृतक छात्रा का गुरु था। बावजूद उसने गुरु के महती दायित्व को उचित रूप से निर्वहित न करते हुए उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। उसके गर्भवती होने पर स्वयं को बचाने के आशय से मृतका की जीवन को खतरे में डालते हुए उसे गर्भपात कराने के आशय से दवाईयां खिलाई। जिससे उसकी मौत हो गई। इस स्थिति अभियुक्त को कम सजा से दंडित किया जाना उचित नहीं होगा।
छात्रा की मौत के बाद ट्यूटर की हरकत का खुलासा हुआ था। अस्पताल से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई प्रारंभ की थी। मृतका के परिजनों, चिकित्सकों, मृतका के मृत्यु पूर्व बयान तथा बिसरा रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपी अविनाश कुमार राजपूत को गिरफ्तार किया। पुलिस ने 19 जून 2019 को जेल भेज दिया था।