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गांधी जयंती पर प्रदेश लिपिक कर्मचारी लेंगे सरकार को वोट नहीं देने का संकल्प

locationदुर्गPublished: Sep 23, 2018 12:37:26 am

Submitted by:

Bhuwan Sahu

शासकीय कार्यालयों के लिपिक 30 साल से वेतन विसंगति झेल रहे हैं। इसको दूर करने के लिए 15 दिन से हड़ताल पर हैं।

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गांधी जयंती पर लेंगे सरकार को वोट नहीं देने का संकल्प

दुर्ग.शासकीय कार्यालयों के लिपिक 30 साल से वेतन विसंगति झेल रहे हैं। इसको दूर करने के लिए 15 दिन से हड़ताल पर हैं। फिर भी शासन-प्रशासन ने उनका हाल तक नहीं पूछा। इससे नाराज लिपिक अब 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर सत्तारूढ़ दल को वोट नहीं देने का संकल्प लेंगे। इसके लिए प्रदेशभर के लिपिक रायपुर में एकत्र होंगे।
प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ की अगुवाई में लिपिक मानस भवन के सामने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। संघ के जिला अध्यक्ष दीपक देवांगन ने बताया कि मांग पूरी हुए बिना आंदोलन समाप्त नहीं करने का निर्णय लिया गया है। 29 सितंबर को दुर्ग में संभाग स्तरीय धरना किया जाएगा। शनिवार को जिलेभर के करीब 200 लिपिक धरने पर उपस्थित हुए। इनमें दिनेश साहू, बीएस सुधाकर, माया द्विवेदी, गोपेन्द्र चंद्राकर, भूधर ठाकुर, डीआर निर्मलकर, वाईके बघेल, नरेंद्र दुबे, वेणु शिवारे, सीआर रात्रे मौजूद रहे।
यह है लिपिकों की मांग

संघ के प्रांतीय महामंत्री ओमियो चटर्जी ने बताया कि वेतन विसंगति दूर करने कई आंदोलन किए, लेकिन कोई ध्यान नहीं गया। वेतन विसंगति को दूर कर सहायक ग्रेड-3 का ग्रेड पे 1900 से बढ़ाकर 2400 और सहायक ग्रेड-2 का ग्रेड पे 2400 से बढ़ाकर 28 00 करने की मांग की जा रही है। इसी तरह सहायक ग्रेड-1 (लेखापाल) का ग्रेड पे 2800 को बढ़ाकर 4200 करने की मांग की जा रही है। राजस्थान सरकार ने पहले ही यह पे जारी कर दिया है।
राजनीतिक दलों के प्रचार पर रहेगी आयोग की नजर, पहले दिन से होगी खर्च की गणना

चुनाव में इस बार सोशल मीडिया से लेकर टीवी तक सभी संभावित प्रचार माध्यमों पर आयोग की सीधी नजर रहेगी। इस दौरान किसी भी माध्यम से राजनीतिक दल अथवा प्रत्याशी के संबंध में सामग्री जारी किए गए तो इसे चुनावी खर्च मान लिया जाएगा। खास बात यह होगी कि इस बार चुनाव घोषणा के पहले दिन से ही प्रचार सामग्री पर खर्च की गणना शुरू करेंगे। कलक्टर उमेश अग्रवाल ने शनिवार को चुनाव के लिए जिला स्तर पर गठित सभी समितियों की बैठक ली। उन्होंने बताया कि पारदर्शी चुनाव के लिए आयोग का इस बार पूरा फोकस खर्च पर होगा। चुनाव खर्च की किस तरह निगरानी व गणना की जाना है, इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी किए हैं। इस दौरान दस्तावेज के संधारण के संबंध में भी गाइडलाइन जारी की है। जिम्मेदार अधिकारी इसका अध्ययन कर लें। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष चुनाव में व्यय समिति की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। बैठक में अपर कलक्टर एसएन मोटवानी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी बीबी पंचभाई भी मौजूद थे।
समितियों की ली बैठक

व्यय समिति के अलावा कलक्टर ने व्यय उप समिति, मीडिया मॉनिटरिंग समिति व उप समिति, सहायक व्यय प्रेक्षक, लेखा टीम, स्थैतिक निगरानी टीम, उडऩदस्ता टीम, वीडियो अवलोकन टीम, वीडियो निगरानी टीम की भी बैठक ली। बैठक में सभी समितियों को उनके कामों की विस्तार से जानकारी दी गई।
नहीं चलेंगे उन्माद भड़काने वाले विज्ञापन

कलक्टर ने बताया कि राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों मीडिया में कोई भी विज्ञापन देने के पहले अनुमति लेगा, लेकिन किसी भी सूरत में सामाजिक समरसता को बिगाडऩे अथवा उन्माद भड़काने वाले विज्ञापन स्वीकृत नहीं किए जाएंगे। इसके अलावा किसी भी माध्यम से धार्मिक भावनाओं से जुड़े विज्ञापन व संदेश भी जारी नहीं किए जा सकेंगे।

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