ऐसे समझे हालात को
जिले में करीब 45 हजार हेक्टेयर उद्यानिकी फसल ली जाती है। इनमें से अकेले 27 हजार हेक्टेयर धमधा और शिवनाथ से लगे दुर्ग ग्रामीण के गांवों का क्षेत्रफल है। इसमें भी अकेले टमाटर का रकबा करीब 20 हजार हेक्टेयर है। किसानों की मानें तो 5 हजार हेक्टेयर की टमाटर की फसल बाढ़ प्रभावित रही। इनमें से करीब 4 हजार 500 हेक्टेयर यानि 10 हजार एकड़ से ज्यादा की फसल खराब हो गई है।
4500 एकड़ की सब्जियां भी बर्बाद
टमाटर के अलावा बाडिय़ों में दूसरी सब्जियों को भी भारी नुकसान हुआ है। दुर्ग से धमधा के बीच शिवनाथ के किनारे करीब 150 सब्जी फार्म और बड़ी संख्या में किसान भी छोटे रकबे पर सब्जी की खेती करते हैं। इस समय किसान भिड़ी व बैगन के अलावा बेल वाले पौधे लौकी, तुराई, गलका, खीरा आदि के पौधे लगा रखे थे। करीब 4 हजार 500 एकड़ के ये पौधे भी गलकर खराब हो जाने की बात कही जा रही है।
जानिए किसानों की जुबानी स्थिति 26 एकड़ की फसल पूरी तरह खराब
किसान कांग्रेस के नेता कृष्णा देवांगन की मोहलाई में 26 एकड़ की बाड़ी है। यहां अधिकतर हिस्से में टमाटर की फसल लगाई थी। पहली बार बाढ़ में फसल खराब हो गई थी। उन्होंने दोबारा बोनी कराई थी, लेकिन दूसरी बाढ़े में पहले के बची हुई फसल के साथ दोबारा बोनी वाली फसल भी तबाह हो गई। उन्होंने बताया कि बाड़ी में नए सिरे से बोनी के बिना कोई भी पैदावार की उम्मीद नहीं है।
ग्राम सिल्ली के किसान व उप सरपंच सीता राम बताते हैं कि बाढ़ का पानी कई दिनों तक खेतों में भरा रहा। इससे फसल पूरी तरह तबाह हो गई है। गांव में 35 से 40 किसान छोटी-छोटी बाडिय़ों में टमाटर के साथ सब्जियों की खेती करते हैं। बाढ़ में इनकी खेती पूरी तरह बर्बाद हो गई है। उनके खुद के खेतों की फसल भी खराब हो गई है।
सरकार ने मंगाई रिपोर्ट, सर्वे की तैयारी
इधर बाढ़ से फसल को नुकसान पर सरकार ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। इस संबंध में शासन की ओर से परिपत्र भेजा गया है। इस आधार पर जिला प्रशासन ने भी मैदानी कर्मियों से सर्वे कर रिपोर्ट मंगाई है। अफसरों के मुताबिक पाटन में स्थिति ठीक है, लेकिन दुर्ग व धमधा में धान के साथ टमाटर व सब्जियों को व्यापक नुकसान हुआ है।