scriptशिवनाथ की बाढ़ से धमधा के 10 हजार एकड़ की टमाटर की फसल खराब, किसानों को करोड़ों नुकसान फिर से करनी पड़ेगी बुआई | Tomato crop of 10 thousand acres of Dhamdha deteriorated | Patrika News

शिवनाथ की बाढ़ से धमधा के 10 हजार एकड़ की टमाटर की फसल खराब, किसानों को करोड़ों नुकसान फिर से करनी पड़ेगी बुआई

locationदुर्गPublished: Aug 18, 2022 09:28:40 pm

Submitted by:

Hemant Kapoor

शिवनाथ की बाढ़ धमधा के टमाटर उत्पादक किसानों पर कहर बनकर टूटा। किसानों की मानें तो बाढ़ का पानी खेतों में भर जाने से करीब 10 हजार एकड़ के टमाटर के पौधे (बेल) गलकर खराब हो गए। वहीं बचे हुए पौधे भी अब काला पड़कर सूखने लगे हैं। ऐसे में इनसे अब कोई भी पैदावार की उम्मीद नहीं है। इससे किसानों को करोड़ों रुपए नुकसान तय है। वहीं पैदावार के लिए अब नए सिरे से बोनी करने की जरूरत पड़ेगी।

शिवनाथ की बाढ़ से धमधा के 10 हजार एकड़ की टमाटर की फसल खराब, किसानों को करोड़ों नुकसान फिर से करनी पड़ेगी बुआई

शिवनाथ की बाढ़ से धमधा के 10 हजार एकड़ की टमाटर की फसल खराब, किसानों को करोड़ों नुकसान फिर से करनी पड़ेगी बुआई

जलाशयों से पानी छोड़े जाने के कारण 15 व 16 अगस्त शिवनाथ में बाढ़ की स्थिति रही। हालात यह रहा कि अप स्ट्रीम से पानी के ज्यादा दबाव के कारण शिवनाथ का पानी सरहद छोड़कर गांव तक पहुंच गया। इससे नदी के किनारे के करीब 26 गांवों के खेतों और बाडिय़ों में पानी भर गया। इसी तरह पखवाड़ेभर पहले भी शिवनाथ में बाढ़ की स्थिति बनी थी। जिससे खेतों की फसल डूब गई थी। इस तरह पखवाड़ेभर में दूसरी बार बाढ़ के पानी में डूब जाने से फसल तबाह हो गई। खासकर टमाटर और सब्जियों की फसल को इससे भारी नुकसान पहुंचा है।

ऐसे समझे हालात को
जिले में करीब 45 हजार हेक्टेयर उद्यानिकी फसल ली जाती है। इनमें से अकेले 27 हजार हेक्टेयर धमधा और शिवनाथ से लगे दुर्ग ग्रामीण के गांवों का क्षेत्रफल है। इसमें भी अकेले टमाटर का रकबा करीब 20 हजार हेक्टेयर है। किसानों की मानें तो 5 हजार हेक्टेयर की टमाटर की फसल बाढ़ प्रभावित रही। इनमें से करीब 4 हजार 500 हेक्टेयर यानि 10 हजार एकड़ से ज्यादा की फसल खराब हो गई है।

4500 एकड़ की सब्जियां भी बर्बाद
टमाटर के अलावा बाडिय़ों में दूसरी सब्जियों को भी भारी नुकसान हुआ है। दुर्ग से धमधा के बीच शिवनाथ के किनारे करीब 150 सब्जी फार्म और बड़ी संख्या में किसान भी छोटे रकबे पर सब्जी की खेती करते हैं। इस समय किसान भिड़ी व बैगन के अलावा बेल वाले पौधे लौकी, तुराई, गलका, खीरा आदि के पौधे लगा रखे थे। करीब 4 हजार 500 एकड़ के ये पौधे भी गलकर खराब हो जाने की बात कही जा रही है।

जानिए किसानों की जुबानी स्थिति

26 एकड़ की फसल पूरी तरह खराब
किसान कांग्रेस के नेता कृष्णा देवांगन की मोहलाई में 26 एकड़ की बाड़ी है। यहां अधिकतर हिस्से में टमाटर की फसल लगाई थी। पहली बार बाढ़ में फसल खराब हो गई थी। उन्होंने दोबारा बोनी कराई थी, लेकिन दूसरी बाढ़े में पहले के बची हुई फसल के साथ दोबारा बोनी वाली फसल भी तबाह हो गई। उन्होंने बताया कि बाड़ी में नए सिरे से बोनी के बिना कोई भी पैदावार की उम्मीद नहीं है।
सिल्ली के 40 किसानों फसल बर्बाद
ग्राम सिल्ली के किसान व उप सरपंच सीता राम बताते हैं कि बाढ़ का पानी कई दिनों तक खेतों में भरा रहा। इससे फसल पूरी तरह तबाह हो गई है। गांव में 35 से 40 किसान छोटी-छोटी बाडिय़ों में टमाटर के साथ सब्जियों की खेती करते हैं। बाढ़ में इनकी खेती पूरी तरह बर्बाद हो गई है। उनके खुद के खेतों की फसल भी खराब हो गई है।

सरकार ने मंगाई रिपोर्ट, सर्वे की तैयारी
इधर बाढ़ से फसल को नुकसान पर सरकार ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। इस संबंध में शासन की ओर से परिपत्र भेजा गया है। इस आधार पर जिला प्रशासन ने भी मैदानी कर्मियों से सर्वे कर रिपोर्ट मंगाई है। अफसरों के मुताबिक पाटन में स्थिति ठीक है, लेकिन दुर्ग व धमधा में धान के साथ टमाटर व सब्जियों को व्यापक नुकसान हुआ है।
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