एक लाख लीटर दूध की खपत होगी
इस साल शहर में ईद के मौके पर करीब एक लाख लीटर दूध खपेगा। ट्विनसिटी के डेयरी संचालकों ने ईद की खुशियों में मिठास भरने का इंतजाम कर लिया है। इस साल सेवाइयों के लिए दूध की किल्लत होने की चर्चा नहीं है। संचालकों के मुताबिक शहर में कई जगहों पर स्टॉल लगाकर दूध की बिक्री की जाएगी। इसी तरह शहर के डेली दूध विक्रय केंद्रों ने स्टॉक में इजाफा किया है। जानकारों का कहना है कि इस साल शहर में तकरीबन एक लाख लीटर दूध की खपत होना तय है। इस खपत की आधे से ज्यादा भरपाई पैकेट दूध उत्पादक कंपनियां करेंगी।
इस साल शहर में ईद के मौके पर करीब एक लाख लीटर दूध खपेगा। ट्विनसिटी के डेयरी संचालकों ने ईद की खुशियों में मिठास भरने का इंतजाम कर लिया है। इस साल सेवाइयों के लिए दूध की किल्लत होने की चर्चा नहीं है। संचालकों के मुताबिक शहर में कई जगहों पर स्टॉल लगाकर दूध की बिक्री की जाएगी। इसी तरह शहर के डेली दूध विक्रय केंद्रों ने स्टॉक में इजाफा किया है। जानकारों का कहना है कि इस साल शहर में तकरीबन एक लाख लीटर दूध की खपत होना तय है। इस खपत की आधे से ज्यादा भरपाई पैकेट दूध उत्पादक कंपनियां करेंगी।
इस तरह है नमाज का वक्त
जामा मस्जिद, सेक्टर-६ – 9.15
रजा जामा मस्जिद, पॉवर हाउस – 9.15
नूरी मस्जिद, फरीद नगर – 8.30
मस्जिद नूर, सुपेला – 8.30
हुड़को मस्जिद – 8.30
पॉवर हाउस मरकज मस्जिद – 9.00
जामा मस्जिद, दुर्ग – 9.00
ईदगाह, तकियापारा – 9.00
जामा मस्जिद, सेक्टर-६ – 9.15
रजा जामा मस्जिद, पॉवर हाउस – 9.15
नूरी मस्जिद, फरीद नगर – 8.30
मस्जिद नूर, सुपेला – 8.30
हुड़को मस्जिद – 8.30
पॉवर हाउस मरकज मस्जिद – 9.00
जामा मस्जिद, दुर्ग – 9.00
ईदगाह, तकियापारा – 9.00
60 रुपए देना होगा फितरा
जामा मस्जिद ने तय किया है कि हर एक बंदे को फितरे के तौर पर ६० रुपए देने होंगे। फितरे की रकम ईद की नमाज के पहले अदा की जाएगी। जामा मस्जिद सेक्टर-६ में ईद की नमाज का वक्त सुबह ९.१५ बजे है। कमेटी के लोगों ने बताया कि नमाज तय वक्त पर पढ़ी जाएगी। यदि बारिश होती है तो नमाज का वक्त सुबह ८.३० बजे होगा। ऐसी स्थिति में नमाज ईदगाह में नहीं बल्कि मस्जिद के भीतर होगी। इसकी तैयारियां कर ली गई है।
जामा मस्जिद ने तय किया है कि हर एक बंदे को फितरे के तौर पर ६० रुपए देने होंगे। फितरे की रकम ईद की नमाज के पहले अदा की जाएगी। जामा मस्जिद सेक्टर-६ में ईद की नमाज का वक्त सुबह ९.१५ बजे है। कमेटी के लोगों ने बताया कि नमाज तय वक्त पर पढ़ी जाएगी। यदि बारिश होती है तो नमाज का वक्त सुबह ८.३० बजे होगा। ऐसी स्थिति में नमाज ईदगाह में नहीं बल्कि मस्जिद के भीतर होगी। इसकी तैयारियां कर ली गई है।
अलविदा जुमा में रो-रोकर मांगी गई दुआएं
दोपहर का वक्त था। जामा मस्जिद सेक्टर-६ में सभी अलविदा जुमा की नमाज अदा करने पहुंचे हुए थे। बड़े प्यारे अंदाज में कुतबा पढ़ाने के बाद नमाज अदा की गई। नमाज पूरी होते ही मस्जिद कमेटी के लोगों ने शहर व बाहर से आए ऐलान पढऩा शुरू किया। इस वक्त तक तो सबकुछ ठीक था, लेकिन जैसे ही लोगों ने दुआ के लिए हाथ उठाए सबकी आंखें भर आईं। मस्जिद के ईमाम मोहम्मद इकबाल हैदर अशरफी ने अल्लाह को रहीम, करीम, सत्तार, गफूर बताते हुए दुआ पढ़ानी शुरू की। देखते ही देखते मस्जिद के सारे नमाजी ईमाम साहब के साथ रोने लगे। दरअसल, वे रमजान के पाक महीने में हुए गुनाहों की तौबा कर रहे थे।
दोपहर का वक्त था। जामा मस्जिद सेक्टर-६ में सभी अलविदा जुमा की नमाज अदा करने पहुंचे हुए थे। बड़े प्यारे अंदाज में कुतबा पढ़ाने के बाद नमाज अदा की गई। नमाज पूरी होते ही मस्जिद कमेटी के लोगों ने शहर व बाहर से आए ऐलान पढऩा शुरू किया। इस वक्त तक तो सबकुछ ठीक था, लेकिन जैसे ही लोगों ने दुआ के लिए हाथ उठाए सबकी आंखें भर आईं। मस्जिद के ईमाम मोहम्मद इकबाल हैदर अशरफी ने अल्लाह को रहीम, करीम, सत्तार, गफूर बताते हुए दुआ पढ़ानी शुरू की। देखते ही देखते मस्जिद के सारे नमाजी ईमाम साहब के साथ रोने लगे। दरअसल, वे रमजान के पाक महीने में हुए गुनाहों की तौबा कर रहे थे।
हर हाथ रमजान में की गई तिलावत के बदले अल्लाह से अपने लिए नेक रास्ते पर चलने की तौफिक मांग रहा था। सब इस बात से गमगीन थे कि ३० दिनों तक माहे-रमजान अब रुखसती की ओर है। सभी ने अल्लाह से रोते हुए दुआ मांगी कि उन्हें माफ फरमा देना। देश-दुनिया में तमाम बीमारों की शिफा के लिए भी हाथ दुआ में उठे। देश की तरक्की और खुशहाली व अमन के लिए सबने आमीन कहा।