पांच टन गीले कचरे की कम्पोस्टिंग
निगम प्रशासन का दावा है कि रोजाना 5 टन गीले कचरे को घरों और बड़े होटलों में स्वयं के द्वारा कम्पोस्टिंग किया जाता है। शहर में तीन टाइम सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, होटलो और मांगलिक प्रांगणो व सब्जी मंडियों से कचरा लिया जाता है। इस कचरे का सेग्रीगेशन का कार्य किया जाता है।
प्लास्टिक के उपयोग में कमी
प्रतिबंधित प्लास्टिक और कैरी के उपयोग के खिलाफ लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा व्यापारियों को भी बिक्री से भी रोका जाता है। आवश्यकता अनुसार नियम का पालन नहीं करने वालों से जुर्माना भी वसूल किया जाता है। इससे प्रतिबंधित प्लास्टिक के कैरी बैग और अन्य वस्तुओं के उपयोग में कमी आई है।
48 टन गीले कचरे से बन रहा खाद
निगम का दावा है कि 48 टन गीले कचरे को एकत्रित कर प्रतिदिन खाद बनाया जा रहा। जिससे औसतन प्रतिमाह 180 टन खाद का निर्माण हो रहा है। प्रतिमाह 2 लाख से अधिक का खाद बेचा जा रहा है। इसके अलावा कचरे से निकलने वाले कबाड़ से भी निगम को 3 लाख का मुनाफा हो रहा है।
32 टन कचरे की रि-साइकिलिंग
नगर निगम के मुताबिक शहर से प्रतिदिन 32 टन के करीब सूखा कचरा निकलता है। इसमें गत्ता, पुटठे, पेपर, बॉटल, प्लास्टिक, दवाई के पत्ते, बिजली के तार और अन्य समान होते हैं। इसे बेचकर भी प्रतिमाह 3 लाख से अधिक की आमदनी हो रही है।