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Durg Municipal Corporation – कचरा प्रबंधन में किया कमाल, प्रदेश में अव्वल, मिलेगा एक्सीलेंस अवार्ड

locationदुर्गPublished: Nov 12, 2021 09:40:32 pm

Submitted by:

Hemant Kapoor

नगर निगम ने कचरा प्रबंधन में बड़ी कामयाबी हासिल की है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कचरे के रि-साइकिलिंग, रि-ड्यूस और रि-यूज के पैमाने पर गोपनीय सर्वे में नगर निगम को पूरे प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ पाया है। इस आधार पर सीआईआई ने एक्सीलेंस अवार्ड देने का ऐलान किया है। यह अवार्ड 16 नवम्बर को दोपहर 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिया जाएगा।

दुर्ग. नगर निगम में रि-साइकिलिंग, रि-ड्यूस और रि-यूज के सिद्धांत के तहत वेस्ट मैनेजमेंट का काम किया जा रहा। इसके तहत घरों से निकलने वाले गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग ग्राह्य करने की व्यवस्था बनाई गई है। निगम प्रशासन के मुताबिक निगम क्षेत्र में औसत हर दिन 80 टन से अधिक कचरा निकलता है। जिसमें 48 टन गीला और 32 टन सूखा कचरा होता है। इस कचरे के निष्पादन का कार्य 10 एसएलआरएम सेंटर में किया जाता है। कचरे को वार्डों से सेंटर तक पहुंचाने के लिए 30 ऑटो टिप्पर, 42 ई रिक्शा, 181 मैनुअल रिक्शा और 7 हाइवा का उपयोग किया जाता है। इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग के 1400 कर्मचारी लगाए गए है।

पांच टन गीले कचरे की कम्पोस्टिंग
निगम प्रशासन का दावा है कि रोजाना 5 टन गीले कचरे को घरों और बड़े होटलों में स्वयं के द्वारा कम्पोस्टिंग किया जाता है। शहर में तीन टाइम सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, होटलो और मांगलिक प्रांगणो व सब्जी मंडियों से कचरा लिया जाता है। इस कचरे का सेग्रीगेशन का कार्य किया जाता है।

प्लास्टिक के उपयोग में कमी
प्रतिबंधित प्लास्टिक और कैरी के उपयोग के खिलाफ लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा व्यापारियों को भी बिक्री से भी रोका जाता है। आवश्यकता अनुसार नियम का पालन नहीं करने वालों से जुर्माना भी वसूल किया जाता है। इससे प्रतिबंधित प्लास्टिक के कैरी बैग और अन्य वस्तुओं के उपयोग में कमी आई है।

48 टन गीले कचरे से बन रहा खाद
निगम का दावा है कि 48 टन गीले कचरे को एकत्रित कर प्रतिदिन खाद बनाया जा रहा। जिससे औसतन प्रतिमाह 180 टन खाद का निर्माण हो रहा है। प्रतिमाह 2 लाख से अधिक का खाद बेचा जा रहा है। इसके अलावा कचरे से निकलने वाले कबाड़ से भी निगम को 3 लाख का मुनाफा हो रहा है।

32 टन कचरे की रि-साइकिलिंग
नगर निगम के मुताबिक शहर से प्रतिदिन 32 टन के करीब सूखा कचरा निकलता है। इसमें गत्ता, पुटठे, पेपर, बॉटल, प्लास्टिक, दवाई के पत्ते, बिजली के तार और अन्य समान होते हैं। इसे बेचकर भी प्रतिमाह 3 लाख से अधिक की आमदनी हो रही है।

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