चेंबर के प्रदेश महामंत्री अजय भसीन, प्रदेश उपाध्यक्ष महेश बंसल, प्रकाश सांखला, मंत्री मनोज बकत्यानी, अशोक राठी, दर्शन लाल ठकवानी, पवन बडज़ात्या, ज्ञानचंद जैन, मोहम्मद अली हिरानी, प्रहलाद रूंगटा, अंकित जैन ने संयुक्त रूप से कहा कि पिछले एक सप्ताह में कोविड के आंकड़ों का बारीकी से विश्लेषण करने से यह स्पष्ट हो गया है कि दुर्ग- भिलाई में लॉकडाउन कोविड मामलों को नीचे लाने के वांछित परिणाम को पाने में असफल रहे हैं। व्यापारियों ने कहा कि लॉकडाउन के बजाय अन्य वैकल्पिक उपलब्ध उपायों को अपनाया जाए, तो शायद कोविड के मामलों पर रोक लग सके। दुर्ग -भिलाई सहित छतीसगढ़ का व्यापार और वाणिज्य 2020 के पिछले लॉकडाउन के नुकसान से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है। एक तरफ कोविड मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए प्रभावी कदमों की आवश्यकता है जबकि दूसरी ओर आर्थिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को भी सख्त तरीके से कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते चलने देना चाहिए।
व्यापारियों ने आवश्यक सेवाओं को आरंभ करने की बात करते हुए कहा कि लगातार 10 दिनों से बाजार बंद होने से दैनिक जरूरतों के सामान जैसे दूध, फल-सब्जी, दवाइयां नहीं मिलने से लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। जिन परिवारों में छोटे-छोटे बच्चे हैं उनको बड़ी विकट समस्या बन गई है। साथ ही चैत्र नवरात्र पर्व फलाहार नहीं मिलने से जन सामान्य को दिक्कतें होने लगी है। इसी तरह बैंकिंग सेवा बंद होने के कारण आने वाले समय में गैस और पेट्रोल की समस्या की विकराल स्थिति उत्पन्न कर सकती है।
चेम्बर प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि चोरी-छुपे बिकने वाले सामानों पर रोक लगाया जाना प्रशासन से संभव नहीं है। ब्लैक मार्केटिंग बहुत तेजी से बढ़ा है। हर सामान दोगुने दरों पर बाजार में अभी भी उपलब्ध है। इन सब से बचने के लिए और जनता को राहत देने के लिए लॉकडाउन में किराना फल-सब्जी और दूध दवाई से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए।
चेंबर ने सुझाव के रूप में बताया कि भिलाई स्टील प्लांट के भिलाई निवास के सभी 700 कमरे जो सभी सुविधाओं से लैस है यहां भिलाई इस्पात संयंत्र से सेवाएं लेकर ऑक्सीजन ट्यूब लगाकर तैयार किए जाने चाहिए। यदि इस दिशा में छत्तीसगढ़ शासन का सहयोग मिल जाए भिलाई इस्पात संयंत्र पर दबाव बनाकर इसे एक कोविड-19 के रूप में तैयार किया जा सकता है। जहां ऑक्सीजन की सुविधा के माध्यम से इलाज सुविधाजनक ढंग से किया जा सकता है। ज्ञानचंद जैन ने वैक्सीन के इंजेक्शन लगाया जाने के दौरान दवाई वितरण की बात रखी।