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ट्रेन हाईजेक केस, फैसला सुनाते हुए जज ने कहा अपराध दुस्साहसिक एवं समाज लिए घातक, जोखिम में डाला हजारों लोगों की जान

locationदुर्गPublished: Apr 25, 2018 11:30:08 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

देश के पहले ट्रेन हाईजेक मामले में विशेष न्यायाधीश मंसूर अहमद ने मंगलवार को फैसला सुनाया।

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दुर्ग . देश के पहले ट्रेन हाईजेक मामले में विशेष न्यायाधीश मंसूर अहमद ने मंगलवार को फैसला सुनाया। पुलिस ने न्यायालय परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। न्यायालय भवन के अंदर जिस कोर्ट में फैसला सुनाया गया उस कोर्ट तक जाने के रास्ते में भी जवान तैनात थे।
फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश ने कहा कि अभियुक्तों का अपराध दुस्साहसिक एवं समाज के लिए घातक है। जिस तरह से अभियुक्तगण ने आरोपी उपेन्द्र उर्फ कबरा को आरक्षक संचित शर्मा एवं प्रधान आरक्षक वीरेन्द्र सिंह की अभिरक्षा से छुड़ाने के लिए जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन को अपने कब्जे में लेकर हजारों व्यक्तियों की जान को जोखिम में डाला, उसे देखते हुए कठोर से कठोर सजा दिए जाने से न्याय की पूर्ति होना प्रतीत होता है।
प्रदेश का पहला प्रकरण
यह प्रदेश का पहला प्रकरण है जिसे तीन अलग-अलग प्रकरणों को कमिट कर बिना हाईकोर्ट की अनुमति के रायपुर से सीधे दुर्ग जिला न्यायालय में पेश किया गया। उपेंद्र सिंह उर्फ कबरा, प्रीतम सिंह उर्फ राजेश, शंकर साव, अनिल सिंह, राजकुमार कश्यप, पिंकू उर्फ वरुण, सुरेश उर्फ पप्पू, उपेंद्र उर्फ छोटू।
धाराएं और उनमें सजा
षड्यंत्र : धारा 120 में सभी को दो-दो साल सश्रम कारावास
अभिरक्षा से छुड़ाना : धारा 225 में दो-दो साल सश्रम कारावास
डकैती : धारा 395 में सभी को 7-7 साल का सश्रम कारावास
पुलिसकर्मियों से मारपीट में 4 बार अलग-अलग सजा
– धारा 332 में सभी को तीन-तीन वर्ष का सश्रम कारावास
रेलवे एक्ट की धारा 150(2) में आजीवन कारावास
रेलवे एक्ट की धारा 146 में छह-छह माह कारावास
आठों दोषियों में प्रत्येक को 9500 रुपए का अर्थदंड भी है।
कबरा को डकैती की सजा अलग से
विशेष न्यायाधीश ने फैसला सुनाते कहा कि सभी आरोपियों की सजा साथ साथ चलेगी, लेकिन गैंगस्टर उपेन्द्र सिंह उर्फ कबरा की सजा डकैती को छोड़ शेष धारा में उल्लेखत सजा साथ-साथ चलेगी। पूरी सजा भुगत लिए जाने के बाद गैंगस्टर को डकैती की धारा के तहत दिए सजा शुरू होगी।
जनशताब्दी टे्रन के लोको पायलट को कट्टा दिखा धमकाने के लिए मुख्य आरोपी उपेंद्र का बेटा प्रीतम सिंह उर्फ राजेश और पिंकू उर्फ वरुण सिंह को धारा 25 में तीन-तीन साल सश्रम कैद, एक-एक हजार जुर्माना। धारा 27 में सात-सात साल सश्रम कैद और 2-2 हजार रुपए जुर्माना की सजा।
प्रीतम सिंह उर्फ राजेश, पिंकू सिंह उर्फ वरुण ङ्क्षसह को आम्र्स एक्ट की धारा -25 में -3-3 वर्ष कारावास व 1-1 हजार जुर्माना, आम्र्स एक्ट की धारा-27 में-7-7 वर्ष सश्रम कारावास-2-2 हजार जुर्माना। पुलिस कॉल डिटेल देने वाले सालिकराम व कृष्णा शर्मा का भी बयान कोर्ट में दर्ज नहीं करा पाई। विशेष लोक अभियोजक सुरेश प्रसाद शर्मा ने बताया कि सुनवाई के दौरान २५ सुप्रीम कोर्ट का साइटेशन व फैसला के लिए तर्क करते समय 4 साइटेशन प्रस्तुत किया था। अपराध दो तरह का होता।
मेन टू मेन अपराध के अलावा दूसरा अपराध होता समाज को प्रभावित करने वाला। ट्रेन हाईजेक कर पुलिस अभिरक्षा से गैंगस्टर को भगा ले जाना समाज को प्रभावित करने वाला अपराध है। ऐसे अपराध पर आरोपियों के साथ नरमी दिखाने का आशय है अपराध को बढ़ावा देना।
इसे न्यायालय ने गंभीरता से लिया और फैसला सुनाया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता बीएल देशमुख ने बताया कि फैसले की कॉपी न्यायालय से प्राप्त हो चुकी है। अभी अध्ययन नहीं किया है। फैसले को सूक्ष्मता से अध्यन करने के बाद हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
दो आरोपी फरार
इस मामले के दो आरोपी सूरज सिंह व राहुल सिंह फरार हैं। दोनों की गिरफ्तारी होने पर उनके खिलाफ मुकदमा चलेगा। न्यायाधीश ने आदेश दिए हैं कि इस प्रकरण से संबंधित कोई भी साक्ष्य नष्ट न किया जाए। प्रकरण में ११ आरोपी हैं। आठ गिरफ्तार हैं। एक अपचारी बालक होने के कारण उसका प्रकरण किशोर न्यायालय में विचाराधीन है।
टल गया बड़ा हादसा
लोको पायलट ने पुलिस को सूचना दी कि 6 फरवरी 2013 को दुर्ग स्टेशन से जनशताब्दी एक्सप्रेस रायगढ़ के लिए रवाना हुई। आरोपियों ने चेन पुलिंग की। जब रि-सेट करने पायलट नीचे उतरा तो उसे अगवा कर ट्रेन हाईजेक कर ली ट्रेन उस समय मिडिल लाइन पर थी। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस आने का समय था। आरोपियों की वजह से वे ट्रेक चेंज नहीं कर पाए। एक्सप्रेस लेट होने के कारण दुर्घटना नहीं हुई।
कार में थे 6 लाख
ट्रेन हाईजेक कर भागने के लिए अभियुक्तों ने केशव राव की कार लूटी थी। कार ६ लाख रुपए थे। कार बरामद होने पर पुलिस ने रुपए को भी कार से बरामद किया। ट्रेन हाईजेक करने से पहले कबरा का पुत्र प्रीतम अपने दो साथियों के साथ रेलवे स्टेशन के सामने इंदौर सेव भंडार गया था। वहां कोल्डिं्रक खरीदी थी। उसकी तस्वीर सीसी टीवी फुटेज में थी। सेव भंडार के संचालक टीकाराम साहू ने कोर्ट में आरोपी प्रीतम की पहचान की थी।
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