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दुर्ग में मुरुम माफिया से मिलीभगत खनिज अधिकारी को पड़ा भारी, CM सचिवालय के निर्देश पर तबादला, भेजा सरगुजा

Illegal Murum Mining: सीएम सचिवालय की अनुशंसा पर गोलघाटे को प्रशासनिक व्यवस्था के तहत सरगुजा ट्रांसफर कर दिया गया है। उनकी जगह पर कोरबा के मौजूद खनिज अधिकारी दीपक कुमार मिश्रा को दुर्ग भेजा गया है।

दुर्गMay 23, 2021 / 01:03 pm

Dakshi Sahu

दुर्ग में मुरुम माफिया से मिलीभगत खनिज अधिकारी को पड़ा भारी, CM सचिवालय के निर्देश पर तबादला, भेजा सरगुजा

दुर्ग. थनौद में परिवहन की आड़ में अवैध मुरुम खनन और इसके खुलासे बाद खननकर्ता पर कार्रवाई में कोताही खनिज अधिकारी (Mineral Officer Durg) किशोर कुमार गोलघाटे को भारी पड़ गया। अवैध खनन का भंडाफोड़ करने के साथ खनिज अधिकारी की मिलीभगत का खुलासा करते हुए पत्रिका ने सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किया था। इस पर संज्ञान लेते हुए CM सचिवालय की अनुशंसा पर गोलघाटे को प्रशासनिक व्यवस्था के तहत सरगुजा ट्रांसफर कर दिया गया है। उनकी जगह पर कोरबा के मौजूद खनिज अधिकारी दीपक कुमार मिश्रा को दुर्ग भेजा गया है। सीएम सचिवालय की अनुशंसा पर खनिज साधन विभाग के अवर सचिव कुंदन कुमार बंजारे ने इस संबंध आदेश जारी किया है।
लॉकडाउन में किया अवैध मुरुम खनन
बता दें कि जिला मुख्यालय से लगे ग्राम थनौद के तालाब में लॉकडाउन के दौरान अप्रैल महीने से अवैध मुरुम खनन कर व जीई रोड के चौड़ीकरण के काम परिवहन कर खपाया जा रहा था। खनिज विभाग द्वारा तालाब के पार को भंडारित मुरुम बताकर ठेकेदार को परिवहन की अनुमति दे दी गई थी। इसके विपरीत तालाब के भीतर बैक होलोडर मशीन और हाइवा उतारकर अवैध मुरुम खनन किया जा रहा था। इतना ही नहीं ठेकेदार द्वारा स्वीकृत खसरा नंबर से अलग स्थल पर खुदाई की जा रही थी।
पत्रिका ने किया था खुलासा
थनौद में लॉकडाउन का फायदा उठाकर अवैध मुरुम खनन का खुलासा पत्रिका ने किया था। पत्रिका ने इस संबंध में सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किए। पत्रिका की खबरों के कतरन के साथ स्थानीय युकां नेताओं ने सीएम भूपेश बघेल से मामले की शिकायत की थी। इस पर सीएम भूपेश बघेल ने मामलों को गंभीरता से लेते हुए जानकारी मंगाई थी। इसमें खनि अधिकारी गोलघाटे की भूमिक संदिग्ध पाए जाने पर उन्होंने अफसरों को कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
इसलिए कह रहे मामले में मिलीभगत
सौंदर्यीकरण के प्रस्ताव पर परिवहन की अनुमति
शासन ने पर्यावरण को नुकसान को देखते हुए मुरुम खनन पर बंदिश लगा रखी है। इसका तोड़ निकालते हुए खनि अधिकारी ने पंचायत के तालाब के सौंदर्यीकरण के प्रस्ताव को आधार बनाकर परिवहन की अनुमति जारी कर दी। अनुमति के अनुसार पहले से भंडारित मुरुम का परिवहन किया जाना था, लेकिन इसकी जगह महीनों तक अवैध खुदाई चलती रही।
वाहनों को छोड़ा, प्रकरण भी नहीं बनाया
पत्रिका की खबरों के बाद ग्रामीणों ने भी इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम चलाया। इसमें सत्ताधारी दल के दो बड़े नेताओं को भी निशाना बनाया गया। इसके बाद खनिज अमला हरकत में आया लेकिन एक बार फिर खानापूर्ति कर ली गई। अफसर मौके पर जांच के लिए पहुंचे इस दौरान दर्जनभर हाइवा व दो चेन माउंट मशीन पाए गए। इसके बाद भी वाहनों को जब्त करने के बजाए छोड़ दिया गया। बाद में अवैध खनन पर वसूली का प्रकरण भी नहीं बनाया गया।

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