लॉकडाउन में किया अवैध मुरुम खनन
बता दें कि जिला मुख्यालय से लगे ग्राम थनौद के तालाब में लॉकडाउन के दौरान अप्रैल महीने से अवैध मुरुम खनन कर व जीई रोड के चौड़ीकरण के काम परिवहन कर खपाया जा रहा था। खनिज विभाग द्वारा तालाब के पार को भंडारित मुरुम बताकर ठेकेदार को परिवहन की अनुमति दे दी गई थी। इसके विपरीत तालाब के भीतर बैक होलोडर मशीन और हाइवा उतारकर अवैध मुरुम खनन किया जा रहा था। इतना ही नहीं ठेकेदार द्वारा स्वीकृत खसरा नंबर से अलग स्थल पर खुदाई की जा रही थी।
बता दें कि जिला मुख्यालय से लगे ग्राम थनौद के तालाब में लॉकडाउन के दौरान अप्रैल महीने से अवैध मुरुम खनन कर व जीई रोड के चौड़ीकरण के काम परिवहन कर खपाया जा रहा था। खनिज विभाग द्वारा तालाब के पार को भंडारित मुरुम बताकर ठेकेदार को परिवहन की अनुमति दे दी गई थी। इसके विपरीत तालाब के भीतर बैक होलोडर मशीन और हाइवा उतारकर अवैध मुरुम खनन किया जा रहा था। इतना ही नहीं ठेकेदार द्वारा स्वीकृत खसरा नंबर से अलग स्थल पर खुदाई की जा रही थी।
पत्रिका ने किया था खुलासा
थनौद में लॉकडाउन का फायदा उठाकर अवैध मुरुम खनन का खुलासा पत्रिका ने किया था। पत्रिका ने इस संबंध में सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किए। पत्रिका की खबरों के कतरन के साथ स्थानीय युकां नेताओं ने सीएम भूपेश बघेल से मामले की शिकायत की थी। इस पर सीएम भूपेश बघेल ने मामलों को गंभीरता से लेते हुए जानकारी मंगाई थी। इसमें खनि अधिकारी गोलघाटे की भूमिक संदिग्ध पाए जाने पर उन्होंने अफसरों को कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
थनौद में लॉकडाउन का फायदा उठाकर अवैध मुरुम खनन का खुलासा पत्रिका ने किया था। पत्रिका ने इस संबंध में सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किए। पत्रिका की खबरों के कतरन के साथ स्थानीय युकां नेताओं ने सीएम भूपेश बघेल से मामले की शिकायत की थी। इस पर सीएम भूपेश बघेल ने मामलों को गंभीरता से लेते हुए जानकारी मंगाई थी। इसमें खनि अधिकारी गोलघाटे की भूमिक संदिग्ध पाए जाने पर उन्होंने अफसरों को कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
इसलिए कह रहे मामले में मिलीभगत
सौंदर्यीकरण के प्रस्ताव पर परिवहन की अनुमति
शासन ने पर्यावरण को नुकसान को देखते हुए मुरुम खनन पर बंदिश लगा रखी है। इसका तोड़ निकालते हुए खनि अधिकारी ने पंचायत के तालाब के सौंदर्यीकरण के प्रस्ताव को आधार बनाकर परिवहन की अनुमति जारी कर दी। अनुमति के अनुसार पहले से भंडारित मुरुम का परिवहन किया जाना था, लेकिन इसकी जगह महीनों तक अवैध खुदाई चलती रही।
सौंदर्यीकरण के प्रस्ताव पर परिवहन की अनुमति
शासन ने पर्यावरण को नुकसान को देखते हुए मुरुम खनन पर बंदिश लगा रखी है। इसका तोड़ निकालते हुए खनि अधिकारी ने पंचायत के तालाब के सौंदर्यीकरण के प्रस्ताव को आधार बनाकर परिवहन की अनुमति जारी कर दी। अनुमति के अनुसार पहले से भंडारित मुरुम का परिवहन किया जाना था, लेकिन इसकी जगह महीनों तक अवैध खुदाई चलती रही।
वाहनों को छोड़ा, प्रकरण भी नहीं बनाया
पत्रिका की खबरों के बाद ग्रामीणों ने भी इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम चलाया। इसमें सत्ताधारी दल के दो बड़े नेताओं को भी निशाना बनाया गया। इसके बाद खनिज अमला हरकत में आया लेकिन एक बार फिर खानापूर्ति कर ली गई। अफसर मौके पर जांच के लिए पहुंचे इस दौरान दर्जनभर हाइवा व दो चेन माउंट मशीन पाए गए। इसके बाद भी वाहनों को जब्त करने के बजाए छोड़ दिया गया। बाद में अवैध खनन पर वसूली का प्रकरण भी नहीं बनाया गया।
पत्रिका की खबरों के बाद ग्रामीणों ने भी इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम चलाया। इसमें सत्ताधारी दल के दो बड़े नेताओं को भी निशाना बनाया गया। इसके बाद खनिज अमला हरकत में आया लेकिन एक बार फिर खानापूर्ति कर ली गई। अफसर मौके पर जांच के लिए पहुंचे इस दौरान दर्जनभर हाइवा व दो चेन माउंट मशीन पाए गए। इसके बाद भी वाहनों को जब्त करने के बजाए छोड़ दिया गया। बाद में अवैध खनन पर वसूली का प्रकरण भी नहीं बनाया गया।