फोटोग्राफ्स में यह
आदेश में हाईकोर्ट ने नियमों का पालन नहीं होने, खनन क्षेत्र के एप्रोच रोड पर 1200 पेड़ नहीं लगाए जाने और स्कूल औऱ अस्पताल के आस-पास 2500 पेड़ नहीं लगाए जाने की सूरत में लीज को स्वत: ही रद्द माने जाने का आदेश जारी किया था। इसके जवाब में ठेकेदार द्वारा पौधरोपण कराए जाने के प्रमाण के रूप में 1500 पौधे लगाने की पुष्टि के साथ सरपंच का पत्र और फोटोग्राफ्स जमा कराया गया है। फोटोग्राफ्स में 3 से 4 फीट के बड़ी संख्या में पौधे दिख रहे हैं।
धरातल की हकीकत
पत्रिका ने फोटोग्राफ्स के अनुरूप पौधरोपण की तलाश की। नियमानुसार ये पौधे नदी के एप्रोच रोड अथवा स्कूल व अस्पताल के आसपास लगाए जाने थे। पड़ताल में केवल मिडिल स्कूल के पास कंाटों के घेरे में करीब 37 पौधे मिले। बबूल के बड़े-बड़े कांटों वाले डंगालों के घेरे में अधिकतर पौधों के केवल ठूंठ ही मिले। हाईकोर्ट को भेजे गए रिपोर्ट में 1500 पौधे लगाया जाना बताया गया है, लेकिन कोई भी ग्रामीण ऐसा स्थल नहीं दिखा पाया।
पौधे नहीं मिलने के सवाल पर गोलमोल
पत्रिका की पड़ताल में रिपोर्ट के अनुरूप पौधे नहीं मिलने के सवाल पर सरपंच से लेकर खनिज विभाग के अफसर तक गोलमोल जवाब दे रहे हैं। सरपंच ने ठेकेदार द्वारा एक हजार पौधे देने और पंचायत द्वारा लगाए जाने की बात कही, लेकिन जगह के सवाल पर टालमटोल शुरू कर दी। वहीं खनिज अधिकारी का कहना है कि उनके अफसरों ने मौका मुआयना कर रिपोर्ट दी है। वह रिपोर्ट भी उनके पास मौजूद है।