scriptक्या आप जानते हैं करवा चौथ पर क्यों महिलाएं छलनी से देखती है चांद और पति को, जुड़ी हैं ये पौराणिक मान्यताएं | Why women see the moon through a sieve on Karva Chauth | Patrika News

क्या आप जानते हैं करवा चौथ पर क्यों महिलाएं छलनी से देखती है चांद और पति को, जुड़ी हैं ये पौराणिक मान्यताएं

locationदुर्गPublished: Oct 21, 2021 05:25:07 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

Karwa chauth 2021: पति के दीर्घायु जीवन के लिए हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं। इस दिन को करवाचौथ कहते हैं।

क्या आप जानते हैं करवा चौथ पर क्यों महिलाएं छलनी से देखती है चांद और पति को, जुड़ी हैं ये पौराणिक मान्यताएं

क्या आप जानते हैं करवा चौथ पर क्यों महिलाएं छलनी से देखती है चांद और पति को, जुड़ी हैं ये पौराणिक मान्यताएं

दुर्ग. पति के दीर्घायु जीवन के लिए हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं। इस दिन को करवाचौथ कहते हैं। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन यह व्रत किया जाता है और इस साल यह तिथि 24 अक्टूबर रविवार को पड़ रही है। इस व्रत के दौरान रात में चांद का दीदार करने और छलनी से पति का चेहरा देखने के बाद ही महिलाएं यह व्रत तोड़ती हैं। क्या आप जानते हैं आखिर छलनी से पति को क्यों देखा जाता है। क्या कारण है इस दिन कोरे आंख से चांद और पति को देखना शुभ नहीं माना जाता है। आइए आपके इन्हीं सवालों के जवाब हम देंते हैं।
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छलनी से इसलिए देखा जाता है चांद और पति को
ज्योतिष के मुताबिक भविष्य पुराण के अनुसार चौथ का चांद देखना वर्जित होता है। चौथ का चांद देखने से मिथ्या आरोप लग सकता है या फिर कोई झूठा आरोप लग सकता है। करवा चौथ भी चौथ की ही तिथि है। यही कारण है कि चांद को इस दिन खाली देखने की बजाए किसी वस्तू (छलनी) का इस्तेमाल करके देखा जाता है। चांद के साथ पति को भी छलनी से देखा जाता है।
ये बातें भी जुड़ी है चांद और छलनी से
1. सुंदरता, सहनशीलता और प्रेम से समृद्ध चंद्रमा को ब्रह्मा का रूप माना जाता है। जिन्हें लंबी उम्र का वरदान भी हासिल है। इसलिए विवाहित महिलाएं छलनी से चांद देखकर अपने पति के लिए इन सभी गुणों की कामना करती हैं।
2. एक पौराणिक कथा के मुताबिक एक साहूकार के 7 बेटे और एक बेटी थी। साहूकार की बेटी ने अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था, लेकिन भूख से उसकी हालत खराब होने लगी थी। साहूकार के बेटों ने अपनी बहन से खाना खाने को कहा। लेकिन साहूकार की बेटी ने खाने से मना कर दिया। भाइयों से जब बहन की हालत देखी नहीं गई तो उन्होंने दूर से आग जलाकर बहन को झूठा चांद दिखा दिया। बहन ने इसे चंद्रमा मानकर अपना व्रत खोला दिया, लेकिन व्रत खोलने के बाद उसके पति की मृत्यु हो गई। ऐसा माना जाता है कि बिना असली चांद देखे ही व्रत खोलने से उनके पति की मृत्यु हो गई। कहा जाता है कि हाथ में छलनी लेकर चंद्रमा को देखने के बाद करवा चौथ का व्रत खोलने की परंपरा पति को देखकर ही शुरू हो गई ताकि कोई छल-कपट से किसी का व्रत न तोड़ सके।
3. चांद निकलने पर महिलाएं छलनी में दीया रखकर चांद और फिर पति के चेहरे की ओर देखती हैं। ये भी माना जाता है कि जब महिलाएं चांद को देखती हैं और फिर पति के चेहरे को छलनी में दीपक रखकर देखती हैं, तो उससे निकलने वाला प्रकाश सभी बुरी नजरों को दूर करता है। साथ ही जब दीपक की पवित्र रोशनी साथी के चेहरे पर पड़ती है तो पति-पत्नी के रिश्ते में सुधार आता है।
24 अक्टूबर को रखा जाएगा व्रत
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस बार 24 अक्टूबर को पड़ रही है। इस दिन रविवार पड़ रहा है। इस बार करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा। चतुर्थी तिथि का आरंभ 24 अक्टूबर को रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर होगा और समापन 25 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर होगा।
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