शंकरा कोविड केयर सेंटर जुनवानी में जब युवती को एंबुलेंस से लेकर पहुंचे तब उसकी हालत बहुत खराब हो चुकी थी। चिकित्सकों ने उसे पहले एनआइवी मास्क पर रखा। इसके बाद भी सुबह करीब 7 बजे उसने दम तोड़ दिया। चिकित्सकों ने परिवार से जब पूरी जानकारी ली, तब परिजनों ने बताया कि जहर सेवन से तबीयत बिगड़ी थी। तब अस्पताल से मेमो में फूड पॉइजन लिखकर शव के साथ भेजा गया।
दुर्ग कोतवाली टीआई राजेश बागड़े ने बताया कि घटना रविवार सुबह 9 बजे शंकराचार्य हॉस्पिटल की है। शनिवार शाम को बांसपारा निवासी कौशल्या साहू के हाथ पैर में दर्द होने लगा। परिजनों ने उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां रेपिड एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव आया। डॉक्टरों ने कोरोना उपचार के लिए शंकराचार्य हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। जहां कौशल्या का उपचार चला। रविवार सुबह उसकी मौत हो गई। हॉस्पिटल मेमों में जहर सेवन से मौत की बात की गई है। मर्ग कायम कर शव को जिला अस्पताल के मरच्यूरी में रखा गया है। आरपीटीसीआर रिपोर्ट आने के बाद पोस्टमार्टम किया जाएगा।
फूड पॉइजनिंग के मामले में जिला अस्पताल के चिकित्सकों के द्वारा युवती को बिना उपचार के एंबुलेंस से कोविड अस्पताल में भेजने से कई सवाल उठ गए हैं। युवती की मां ने कहना है कि कोविड अस्पताल में कोरोना का उपचार किया गया, तब तक जहर पूरे शरीर में फैल गया। डॉ. अनिल शुक्ला, प्रभारी, शंकरा कोविड केयर अस्पताल, जुनवानी ने बताया कि मृतका की मां ने बताया कि फूड पॉइजन से उसकी तबीयत बिगड़ी है। परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए। जहां कोरोना जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कोविड केयर हॉस्पिटल, जुनवानी भेजा गया। यहां उसकी हालत देखकर एनआईवी मास्क में रखा गया जहां अल सुबह करीब 7 बजे उसकी मौत हो गई।