Read more: 42 फीट ऊंचे पोल पर चढ़कर मेंटनेंस कर रहा था, अचानक हुई स्पार्किंग और जिंदगी गवा बैठा लाइनमैन … खूंटे से कर दिया वार
घटना 21 अक्टूबर 2017 की रात 8.30 बजे की है। तब नारायण धनकर गांव के सार्वजनिक बोरिंग के पार खड़ा था। सरजू दबे पाव वहां आया और पीछे से बड़े भाई के सिर पर खूंटे से कई वार किया। उसे बेहोशी की हालत में छोड़कर खूंटा वहीं पर फेंका और खेत की ओर भाग गया। अस्पताल ले जाते समय नारायण की मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी को दूसरे दिन गिरफ्तार कर लिया।
घटना 21 अक्टूबर 2017 की रात 8.30 बजे की है। तब नारायण धनकर गांव के सार्वजनिक बोरिंग के पार खड़ा था। सरजू दबे पाव वहां आया और पीछे से बड़े भाई के सिर पर खूंटे से कई वार किया। उसे बेहोशी की हालत में छोड़कर खूंटा वहीं पर फेंका और खेत की ओर भाग गया। अस्पताल ले जाते समय नारायण की मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी को दूसरे दिन गिरफ्तार कर लिया।
Read more: स्पा सेंटर की आड़ में युवती के साथ हैवानियत पर उतर आए पति-पत्नी, Video बनाकर करते थे ब्लैकमेल, फिर हुआ ये सब … बड़े भाई का समझाना नागवार गुजरा
पुलिस की विवेचन के मुताबिक सरजू धनकर की पत्नी के बारे में गांव में कई तरह की चर्चा पूर्व सरपंच नारायण के कानों तक पहुंची तो उसने अपने भाई सरजू को घर जाकर समझाया। सामाजिक प्रतिष्ठा को बचाकर रखने की समझाइश दी। कुछ दिन बाद सरजू को बैठाकर दोबारा समझाया। इसी बात पर सरजू ने अपने भाई की हत्या कर दी।
पुलिस की विवेचन के मुताबिक सरजू धनकर की पत्नी के बारे में गांव में कई तरह की चर्चा पूर्व सरपंच नारायण के कानों तक पहुंची तो उसने अपने भाई सरजू को घर जाकर समझाया। सामाजिक प्रतिष्ठा को बचाकर रखने की समझाइश दी। कुछ दिन बाद सरजू को बैठाकर दोबारा समझाया। इसी बात पर सरजू ने अपने भाई की हत्या कर दी।
25 में 10 गवाह कोर्ट में मुकर गए
पुलिस ने आरोपी के मेमोरेण्डम को चालान का आधार बनाया था। सुनवाई के दौरान न्यायालय में मोमेरण्डम को प्रमाणित भी किया गया, लेकिन मोमेरेण्डम दर्ज करते समय पुलिस द्वारा बनाए गवाह पक्षद्रोह हो गए। इस प्रकरण में कुल 25 गवाह थे, जिसमें से न्यायालय ने 10 गवाहों को पक्षद्रोह घोषित कर दिया। अतिरिक्त लोक अभियोजक केडी त्रिपाठी ने बताया कि घटना के समय मृतक का बेटा हुलेश्वर चंद्राकर किराना दुकान के पास बैठा था। वहीं से उसने अपने चाचा सरजू को खेत की ओर भागते देखा था। कुछ देर बाद सार्वजनिक बोरिंग के पास भीड़ जुट गई। हुलेश्वर भी वहां गया तो देखा कि उसका पिता घायलावस्था में पड़ा हुआ है। तब से चाचा के खेत की ओर भागने का माजरा समझ में आया। इस बात उसने न्यायालय में बताया। न्यायाधीश ने इस बयान को प्रमुखता से लिया।
पुलिस ने आरोपी के मेमोरेण्डम को चालान का आधार बनाया था। सुनवाई के दौरान न्यायालय में मोमेरण्डम को प्रमाणित भी किया गया, लेकिन मोमेरेण्डम दर्ज करते समय पुलिस द्वारा बनाए गवाह पक्षद्रोह हो गए। इस प्रकरण में कुल 25 गवाह थे, जिसमें से न्यायालय ने 10 गवाहों को पक्षद्रोह घोषित कर दिया। अतिरिक्त लोक अभियोजक केडी त्रिपाठी ने बताया कि घटना के समय मृतक का बेटा हुलेश्वर चंद्राकर किराना दुकान के पास बैठा था। वहीं से उसने अपने चाचा सरजू को खेत की ओर भागते देखा था। कुछ देर बाद सार्वजनिक बोरिंग के पास भीड़ जुट गई। हुलेश्वर भी वहां गया तो देखा कि उसका पिता घायलावस्था में पड़ा हुआ है। तब से चाचा के खेत की ओर भागने का माजरा समझ में आया। इस बात उसने न्यायालय में बताया। न्यायाधीश ने इस बयान को प्रमुखता से लिया।
Chhattisgarh Durg से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter और Instagram पर .. ताज़ातरीन ख़बरों, LIVE अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.