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सूर्य की ओर बढ़ रहा है आग का गोला, दुनिया खत्म होने के मिल रहे हैं ये 10 संकेत

locationनई दिल्लीPublished: Sep 24, 2019 10:31:51 am

Submitted by:

Soma Roy

End of Earth : जल प्रलय से नहीं बल्कि गर्मी बढ़ने से हो सकता है धरती का नाश
महाभारत में भी है धरती के खत्म होने का जिक्र

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नई दिल्ली। दुनिया का वजूद खत्म होने और महाप्रलय आने की बात अक्सर सामने आती रही है। इस सिलसिले में कई विद्वानों ने तमाम दावे भी किए हैं। मगर साल 2011 में प्रलय की बात टल गई थी। मगर नास्त्रेदमस और वैज्ञानिकों की एक और गणना ने ये सवाल दोबारा खड़ा कर दिया है। उनके मुताबिक साल 2036 धरती के खात्मे का दिन हो सकता है। इसके अलावा कुछ अन्य संकेत भी महाप्रलय की ओर इशारा कर रहे हैं।
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1.नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के मुताबिक आग का एक गोला पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है जो धरती से मानव की विलुप्ति का कारण बन सकता है।

2.एक अन्य भविष्यवाणी के तहत जब तृतीय विश्व युद्ध चल रहा होगा तब आकाश से एक उल्का पिंड हिंद महासागर में गिरेगा। ऐसे में समुद्र का सारा पानी धरती पर फैल जाएगा जिसके कारण धरती के अधिकांश राष्ट्र डूब जाएंगे, जो महाप्रलय के आगाज का इशारा होगा।
3.अमेरिका के खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक 13 अप्रैल 2036 को पृथ्वी पर प्रलय हो सकता है। उनके अनुसार अंतरिक्ष में घूमने वाला एक ग्रह एपोफिस 37014.91 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पृथ्वी से टकरा सकता है।
4.कुछ अन्य वैज्ञानिकों की रिसर्च के मुताबिक एक्स नाम का ग्रह धरती के काफी पास पहुंच गया है। जिस दिन दोनों की टक्कर होगी वो धरती के लिए आखिरी दिन होगा।

5.हिंदू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में भी धरती के अंत का वर्णन किया गया है। इसके अनुसार कलयुग के अंत में धरती पर महाप्रलय आएगी।
6.महाभारत में धरती के अंत का भी जिक्र है। इसके मुताबिक पृथ्वी का विनाश जल प्रलय से नहीं बल्कि लगातार बढ़ रही गर्मी से होगा। महाभारत के वनपर्व में उल्लेख मिलता है कि कलियुग के अंत में सूर्य का तेज इतना बढ़ जाएगा कि सातों समुद्र और नदियां सूख जाएंगी।
8.एक अन्य धार्मिक ग्रंथ के अनुसार संवर्तक नाम की अग्रि धरती को पाताल तक भस्म कर देगी। ऐसे में बारिश का नामो-निशान मिट जाएगा।

9.साल 1994 में भी महाप्रलय जैसे हालात पैदा हुए थे। उस वक्त फर्क सिर्फ इतना था कि उल्का पिंडों की टक्कर धरती के बजाय बृहस्पति ग्रह से हुई थी। उस दौरान ग्रह पर जो तबाही मची थी वो आज भी शांत नहीं हुई।
10.हिंदू धर्म के अनुसार प्रलय चार प्रकार की होती है, नित्य, नैमित्तिक, द्विपार्थ और प्राकृत। प्राकृत ही महाप्रलय है, जो धरती का आखिरी दिन तय करेगा।

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