स्कूल जाना है तो बैग सबसे जरूरी होता है। इन्हीं में छात्र अपनी कॉपी—किताबे, लंच बॉक्स आदि ले जाते हैं, लेकिन अमेरिका के एक स्कूल में इस पर पाबंदी है। दरअसल स्कूल मैनजमेंट के अनुसार छात्र क्लासरूम में बैकपैक्स नहीं ले जा सकते। उन्हें ये लॉकर में रखना होगा क्योंकि इससे क्लस गंदा नहीं लगेगा। इसी तरह ब्रिटेन के एक स्कूल में टीचर्स के लाल पेन से कॉपी चेप करने में मनाही है। आज हम आपको दुनिया के स्कूलों के कुछ ऐसे ही अजीबो—गरीब नियमों के बारे में बताएंगे।
ज्यादातर टीचर्स एग्जाम की कॉपियां लाल पेेन से चेक करते हैं। जबकि छात्र नीले व काले पेन से लिखते हैं। मगर ब्रिटेन के एक स्कूल में शिक्षकों के लाल पेन से कॉपी जांचने पर रोक है। उनका मानना है कि लाल रंग बहुत चोट पहुंचाता है। यह एक नकारात्मक रंग है। इससे छात्रों का भविष्य खराब होता है।
दोस्ती करना तो इंसान का जन्म सिद्ध अधिकार है। ये तो किसी के भी बीच और कहीं भी हो सकती है और अगर आप स्कूल में पढ़ते हैं तब तो आपके ढ़ेर सारे फ्रेंड्स होंगे। मगर लंदन के कुछ स्कूलों में बच्चों को टीचर्स क्लास में बेस्ट फ्रेंड बनाने से रोक रहे हैं क्योंकि वो नहीं चाहते हैं कि दोस्त टूटने के बाद उन्हें दुःख हो।
बर्थडे पार्टी के इंविटेशन के लिए भी इंग्लैंड के एक स्कूल में अजीब नियम है। यहां अगर बर्थडे बॉय व गर्ल अगर पूरी क्लास को पार्टी में नहीं बुलाते हैं, तो वो किसी एक दोस्त को भी सबके सामने आमंत्रण नहीं दे सकते हैं। उसे अपने दोस्त को निमंत्रण स्कूल के बाहर देना होगा। ऐसा करने का मकसद क्लास के दूसरे बच्चों की भावनाएं आहत न होने देना है।
इंग्लैंड के एक स्कूल में 'नो टचिंग पॉलिसी' लाई गई थी। यहां बच्चे एक-दूसरे को गले नहीं लगा सकते हैं और न ही आप उससे हाथ मिला सकते हैं। स्कूल में ऐसा नियम बनाने का मकसद है कि बच्चे दूसरों की मर्जी का ख्याल रखें। उन्हें उनका पर्सनल स्पेस दें।
अमेरिका के स्कूल स्टूडेंट्स को यूजीजी बूट्स (फर वाले बूट्स) पहनने पर रोक थी। इसकी वजह यह है कि छात्र चोरी—छुपे अपने ढीले बूट्स के अंदर मोबाइल फोन छुपाकर लाते थे।
आजकल जहां पूरी दुनिया सोशल साइट्स पर मौजूद है वहीं ब्रुकलिन के एक गर्ल्स स्कूल में स्टूडेंट्स को इससे दूर रहने की हिदायत दी गई है। इसके लिए उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट भी डिलीट करने को कहा गया है। इस नियम के पालन के लिए वहां सख्त नियम है। इसके अनुसार रूल्स फॉलो न करने वाली छात्रा को 100 डॉलर फाइन देना होगा व उसे स्कूल छोड़कर जाना होगा। इस स्कूल में इसे सभ्य नहीं मानते हैं।
अमेरिका के न्यूयोर्क, फ्लोरिडा, टेक्सस और मैसाचुसेट्स जैसे शहरों के स्कूलों में रबर बैंड्स लाने पर बैन है। ये नियम एलिमेंट्री क्लास के बच्चों के लिए है। स्कूल प्रबंधन का मानना है कि रबर बैंड्स से बच्चों का ध्यान भटकता है और वो खेलने के चक्कर में पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते हैं।
टॉयलेट पेपर रोल होल्डर, एग कार्टून्स या मेडिसिन कंटेनर आदि जरूरी सामानों की सबको जरूरत होती है। खासतौर पर स्कूल जाने पर ये चीजे वहां होनी चाहिए। अगर कोई बच्चा खुद से ये पर्सनलाइज्ड सामान लाता है तो उसमें किसी को क्या दिक्कत होगी, लेकिन यूनाइटेड किंगडम के कुछ स्कूलों में इस पर बैन लगाया हुआ है। उनका मानना है कि ऐसा करने से बीमारियां फैलती है।
गर्मी के दिनों में तो ज्यादातर हर स्कूल में ब्वॉयज स्टूडेंट्स शॉर्ट्स पहनकर आते हैं। मगर ब्रिटेन के कुछ स्कूलों में तेज गर्मी के दिनों में भी आप इसे नहीं पहन सकते हैं। उनके अनुसार ये सभ्य नहीं दिखता है। इसलिए इसे पब्लिक प्लेस पर नहीं पहनना चाहिए। हालांकि इस मसले पर पिछले साल वहां एक स्कूल के स्टूडेंट्स ने इसका विरोध किया। वे शॉर्ट्स की जगह स्कर्ट्स पहनकर आए।