1- 26/11 आतंकी हमले(26/11 Mumbai attack )में लगभग 170 लोगों की मौत हुई थी जबकि 350 से अधिक लोग घायल हुए थे।
2- 26 नवंबर 2008 में जैसे-जैसे सूरज डूबता गया वैसे-वैसे मुंबई की सड़कों पर चीख-पुकार तेज होती चली गई। जैश ए मोहम्मद के दस आतंकी समुद्र के रास्ते मुंबई में दाखिल हो चुके थे। तट पर उतरने के बाद उनके सामने जो आया उसपर गोलीयां बरसाते चले गए।
3- आतंकियों ने हमले की शुरुआत लियोपोल्ड कैफे और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) से की थी.फिर धीरे धीरे मुंबई के और इलाकों से धमाकों और गोलीबारी की खबरें आने लगी थीं. आधी रात होते होते पूरा मुंबई शहर आतंक के साये में आ गया।
4- दस पाकिस्तानी आतंकी 26 नवंबर 2008 की शाम कोलाबा के समुद्री तट पर एक बोट से उतरे, छिपते-छिपाते हथियारों से लैस नदी के तट पर पहुंचे।
5- इसके बाद करीब दसो आतंकी कोलाबा की मच्छीमार कॉलोनी से मुंबई में घुसे। मच्छीमार कॉलोनी से बाहर निकलते ही ये आतंकी दो-दो की टोलियों में बंट गए।
6- इनका मकसद था ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारना। इस लिहाज से इन्होंने रात करीब 9.21 बजे छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में मौजूद लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले को अजमल कसाब और स्माइल खान नाम के आतंकी ने अंजाम दिया था।
7- छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर ही पहली बार कसाब की इमेज सीसीटीवी में कैद हुई थी। इस फुटेज में उसके हाथों में एके 47 नजर आ रही थी।
8- इस हमले के दस मिनट बाद ही आतंकियों के दूसरे ग्रुप ने नरीमन हाउस बिजनेस एंड रेसीडेंशियल कॉम्प्लेक्स पर हमला कर दिया। यहां पर उन्होंने लोगों को बेहद पास से गोली मारी थी।
9- रेसीडेंशियल कॉम्प्लेक्स पर हमला के बाद होटल ओबरॉय में आतंकियों की एक टीम रिसेप्शन पर पहुंची और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस गोलीबारी में होटल के 32 मेहमानों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए।
10- एनएसजी और आतंकियों के बीच हुई लंबी मुठभेड़ में 9 आतंकी मारे गए और दसवें आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया। आतंकियों को पकड़ने के दौरान महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे, पुलिस अधिकारी विजय सालस्कर, आईपीएस अशोक कामटे और कॉन्स्टेबल संतोष जाधव शहीद हो गए। और फिर कसाब को पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद फांसी दे दी गई ।