न्यूमरोलॉजी (अंक शास्त्र) में मूलांक का विशेष महत्व है। मूलांक एक तरह का अंक होता है। जो जन्म तारीख से जोड़कर बनता है। जैसे आप की जन्म तारीख 25 है तो आपका मूलांक 2+5 =7 होगा।
जो व्यक्ति 1, 10, 19 व 28 तारीख को जन्म लेते हैं, उनका मूलांक 1 होता है। अंकशास्त्र में 1 अंक को विशेष महत्व दिया गया है। इस अंक का स्वामी ग्रह सूर्य होता है। 1 मूलांक वाले काफी दृढ़ निश्चयी होते हैं। वे किसी काम को किए बिना पीछेे नहीं हटते हैं।
.मूलांक 1 वाले जातक काफी स्वाभिमानी होते हैं। उन्हें दूसरों से मिन्नतें करना पसंद नहीं होता है। इसीलिए वे दूसरों के अधीन रहकर काम नहीं कर सकते हैं।
ऐसे लोग बहुत बुद्धिमान भी होते हैं। वे अपनी तर्क शक्ति से दूसरों का दिल जीत लेते हैं। वे कठिन समय में भी अपना हौसला नहीं खोते।
ऐसे लोगों की सोच बहुत उम्दा होती है। वे बहुत दूर की सोच सकते हैं। इन्हें अच्छे-बुरे में अंतर करना आता है। इसलिए ऐसे लोग सही चीज का निर्णय बहुत जल्दी कर लेते हैं। उन्हें अपने लिए गए निर्णय पर कभी अफसोस नही होता है।
ऐसे लोगों की तर्क शक्ति बहुत तेज होती है। वे सही स्थान पर सटीक वाक्य व शब्द बोलते है। जिससे दूसरों के सामने उनका बेहतर प्रभाव पड़ता है। उनकी आकर्षक और कर्ण प्रिय आवाज के चलते लोग उन्हें सुनना चाहते हैं।
मूलांक 1 वाले जातक कर्म प्रधान होते हैं। उन्हें स्वयं काम करना ज्यादा पसंद होता है। इसलिए वे दूसरों पर कार्य के लिए कभी निर्भर नहीं रहते। ऐसे व्यक्ति कार्य को पूरा करने के लिए खूब मेहनत करते हैं।
चूंकि इनका स्वामी ग्रह सूर्य है। इसलिए ऐसे लोगों का व्यक्तित्व भी सूर्य की तरह चमकदार और प्रभावशाली होता है। ऐसे जातक काफी आकर्षक व सुंदर होते हैं। लंबे कद-काठी वाले ऐसे शख्स किसी का भी मन मोह लेते हैं।
ऐसे जातकों को किसी भी काम करने से डर नहीं लगता। वे नए काम को भी बड़े साहस के साथ करते हैं इसलिए ऐसे शख्स सेना व पुलिस के क्षेत्र में कार्य करते हैं। ऐसे लोग पढ़ाई में भी बहुत तेज होते हैं। ये उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं।
1 अंक वाले लोगों के पास कभी भी धन की कमी नहीं होती है। उनका जीवन वैभवशाली रहता है। वे सभी तरह की सांसारिक व विलासितापूर्ण सुखों का भोग करते हैं। ये काफी शौकीन प्रवृत्ति के भी होते हैं।