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इस बार 46 दिनों की होगी अमरनाथ यात्रा, ये 10 चीजें रहेंगी खास

Published: Jun 29, 2019 11:32:49 am

Submitted by:

Soma Roy

Amarnath Yatra : अमरनाथ यात्रा के इंतजाम के लिए पायलट प्रोजेक्ट को शामिल किया गया था
पिछले साल से 14 दिन कम होगी यात्रा, सुरक्षा समेत अन्य कारणों के चलते लिया गया फैसला

amarnath yatra

इस बार 46 दिनों की होगी अमरनाथ यात्रा, ये 10 चीजें रहेंगी खास

नई दिल्ली। एक जुलाई से अमरनाथ यात्रा ( Amarnath yatra ) शुरू होने वाली है। इसके चलते सुरक्षा के इंतजाम चाक-चौबंद कर लिए गए है। साथ ही श्रद्धालुओं का जत्था भी रवाना कर दिया गया है। इस बार यात्रा 46 दिनों की होगी, जो कि रक्षाबंधन के दिन खत्म होगी। तीर्थ यात्रा पर आंतकियों के हमले की आशंका के चलते इस बार कुछ खास चीजों पर फोकस किया गया है। तो यात्रा में कौन-सी चीजें रहेंगी खास आइए जानते हैं।
1. श्री अमरनाथ की यात्रा की शुरूआत एक जुलाई यानि सोमवार से होगी। इस दौरान रोजाना पहलगाम, चंदनबाडी और बालटाल से करीब साढ़े सात हजार श्रद्धालुओं यात्रा कर सकेंगे।

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2.इसके अलावा पंचतरिणी यात्रा सेवा यानि ऑनलाइन पंजीकरण के जरिए बुकिंग कराने वाले श्रद्धालुओं को सीधे दर्शन की अनुमति है। इस बार यात्रा को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट को शामिल किया गया है।
3.इस प्रोजेक्ट के तहत सीमित ऑनलाइन बुकिंग की गई है। इससे भक्तों की ज्यादा भीड़ नहीं बढ़ेगी। नतीजतन पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा।

4.यात्रियों को यात्रा के दौरान किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए मार्ग पर दोनों तरफ रेलिंग लगाई गई है। साथ ही स्वास्थ केंद्र और मौसम विभाग के पैनल बनाए गए हैं।
5.इस बार अमरनाथ यात्रा 46 दिनों की होगी, जो पिछली बार से 14 दिन कम है। साल 2018 में यात्रा की अवधि 60 दिनों की थी। मगर सुरक्षा कारणों और पर्यावरण को देखते हुए यात्रा के दिन कम किए गए हैं।
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6.अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की ओर से जारी सूचना के मुताबिक यात्रा का समापन श्रावण पूर्णिमा यानि रक्षाबंधन के दिन होगा।

7.यात्रियों को खाने-पीने की दिक्कत न हो इसके लिए जगह-जगह लंगर की व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत लंगर लगाने वालों की टोली लखनपुर और कठुआ आदि जगहों तक पहुंच गई है।
8.लगातार आतंकियों से मिल रही धमकी के चलते इस बार सुरक्षा व्यवस्था पर ज्यादा चौकसी रखी जा रही है। भारत पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर लखनपुर तक नेशनल हाईवे तक कड़ा पहरा लगाया गया है।
9.सभी चेक प्वाइंट्स के और नेशनल हाइवे के अलावा अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ने वाले इलाके भी बीएसएफ, सीआरपीएफ और सेना के हवाले होंगे।

10.मालूम हो कि प्राकृतिक बर्फ से तैयार होने वाले शिवलिंग की ऊंचाई 15 फीट है। जो पिछली बार की तुलना में ज्यादा है। इसके पूरी तरह से ठोस होने के चलते भोलेनाथ ज्यादा दिनों तक भक्तों को दर्शन दे पाएंगे।
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