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पीएम मोदी की ढाल रह चुकी हैं ये महिला, उनकी बहादुरी के ये 10 किस्से सुनकर चौंक जाएंगे आप

Published: Jul 20, 2019 03:34:44 pm

Submitted by:

Soma Roy

Anandiben Patel UP governor : नरेंद्र मोदी ने आनंदीबेन पटेल को बीजेपी ज्वाइन करने के लिए की थी रिक्वेस्ट
मोदी ने ही आनंदीबेन पटेल को पार्टी की राज्य महिला इकाई का अध्यक्ष बनाया था

Anandiben Patel and pm modi
1.आनंदीबेन की राजनीति में एंट्री करीब 46 साल की उम्र में हुई थी। दरअसल उनके पति मफतभाई बीजेपी से जुड़े हुए थे। उस दौरान नरेंद्र मोदी आरएसएस से बीजेपी में शामिल हुए थे। बताया जाता है कि मोदी और उनके समर्थकों ने आनंदीबेन को पार्टी में शामिल होने का आग्रह किया था।
2.राजनीति में आने के लिए आनंदीबेन पहले झिझक रही थीं। मगर नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। मोदी के गुजरात में बीजेपी का महासचिव बनते ही उन्होंने आनंदीबेन पटेल को पार्टी की राज्य महिला इकाई का अध्यक्ष बनाया था।
3.बताया जाता है कि उस वक्त बीजेपी के पास पटेल जाति की कोई महिला नेता नहीं थी। ऐसे में नरेंद्र मोदी का आनंदीबेन को लाने का फैसला बिल्कुल सही साबित हुआ। उन्होंने राजनीति की दुनिया में कई बुलंदियों को हासिल किया।
4.माना जाता है कि आनंदीबेन गुजरात में पीएम नरेंद्र मोदी की ढाल थीं। उनकी समझदारी और राजनीतिक दांवपेच से बीजेपी को काफी फायदा हुआ था। इसी के चलते उन्हें साल 1994 में उन्हें राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया था। जिसमें उन्होंने जीत हासिल की थी।
5.साल 1998 के विधानसभा चुनाव में आनंदीबेन बतौर विधायक गुजरात के मांडल इलाक़े से चुनी गईं और केशुभाई पटेल की सरकार में उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया गया। हालांकि उस वक्त उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दे दिया था। मगर अनौपचारिक तौर पर वो हमेशा से ही नरेंद्र मोदी का साथ देती रहीं।
Anandiben Patel
6.आनंदीबेन पटेल का जन्म 21 नवंबर, 1941 को गुजरात के एक छोटे से गांव खरोड़ में हुआ था। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते उनका प्रारंभिक जीवन बहुत संघर्ष भरा रहा है।
7.आनंदीबेन के चार भाई और पांच बहनें हैं। उनके गांव में लड़कियों की पढ़ाई को तवज्जो नहीं दी जाती थी, इसके बावजूद आनंदीबेन ने पढ़ाई से कभी अपना मुंह नहीं मोड़ा। वो पढ़ाई के प्रति इतनी संजीदा थीं कि प्राइमरी स्कूल में 700 लड़कों के बीच वो इकलौती छात्रा थीं।
8.आनंदीबेन पढ़ाई के साथ खेती का भी काम करती थीं। उनके परिवार की माली हालत ठीक न होने पर वो खेतों में काम करके अपने परिवार की मदद करती थीं।

9.आनंदीबेन शुरू से ही बहादुर स्वभाव की रही हैं। तभी वो अपने साथ दूसरों का हक दिलाने के लिए किसी से भी लड़ जाती थीं। लड़कियों को स्कूल भेजने के लिए उन्होंने अपने गांववालों को काफी प्रेरित किया था।
10.राजनीति में आने से पहले आनंदीबेन गुजरात के एक स्कूल में पढ़ाती थीं। एक बार वो अपने स्कूल की ओर से पिकनिक के लिए टूर पर गए थे। तभी अचानक उनके स्कूल की दो छात्राएं नहर में गिर गईं। उन्हें डूबता देख आनंदीबेन खुद पानी में कूद पड़ीं और उन्हें सही सलामत निकाल लिया। उनकी इस बहादुरी के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया था।

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