अरुण जेटली की सेहत में 10 दिन बाद भी सुधार नहीं, फेफड़े और दिल नहीं कर रहे ठीक से काम 1.अरुण जेटली शुरू से ही गंभीर स्वभाव के रहे हैं। इसके अलावा वे तंज कसने में भी माहिर रहे हैं। वे अक्सर विरोधी दलों पर व्यंग के जरिए निशना साधते थे।
2.अरुण जेटली को शेरों-शायरी का भी बहुत शौक रहा है। तभी वे बजट की शुरुआत करते समय या अन्य महत्वपूर्ण घोषणा के समय शायरी पढ़ते हुए नजर आते थे। 3.अरुण जेटली बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे। वे शुरुआती दौर में सीए बनना चाहते थे। उन्होंने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री ली है।
4.उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की भी पढ़ाई की है। वे छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। राजनीतिक गलियारों में उनकी एंट्री इसी के जरिए हुई थी। 5.वे एक कुशल वक्ता रहे हैं। उनके सटीक अंदाज में जवाब देने की कला उन्हें दूसरों से अलग बनाती है। उन्होंने दिल्ली में आपातकाल के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। वे करीब 19 महीनों तक तिहाड़ जेल में बंद थे।
6.अरुण जेटली के रिश्ते पीएम नरेद्र मोदी से बहुत पहले से रहे हैं। जेटली ने साल 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान मोदी के समर्थन में आवाज बुलंद की थी। इससे दूसरे विरोधी दल उनसे नाराज हो गए थे। इसके बावजूद जेटली ने मोदी का साथ नहीं छोड़ा था। तब से वे नरेंद्र मोदी के खास माने जाते हैं।
7.नरेंद्र मोदी को सत्ता में बरकरार रखने और बीजेपी की साख मजबूत करने के लिए अरुण जेटली ने कर्नाटक में साल 2008 चुनाव में भी अहम योगदान दिया था। उन्होंने कर्नाटक में बीजेपी सरकार बनाने में मदद की थी।
8.इससे पहले साल 2005 में बिहार में हुए चुनाव के दौरान भी अरुण जेटली ने बीजेपी गठबंधन सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने नीतीश कुमार को गठबंधन के लिए राजी किया था।
9.अरुण जेटली को नरेंद्र मोदी का खास माना जाता है। कहते हैं कि गुजरात में तीन बार चुनाव जीतने में जेटली ने मोदी की मदद की थी। 10.निजी जिंदगी की बात करें तो अरुण जेटली ने संगीता से शादी की है। वह गिरधिरलाल डोगरा की बेटी हैं।