1.गांधी परिवार में जन्मे राजीव गांधी हमेशा से ही शौकीन प्रवृत्ति के रहे हैं। तभी वो राजनीतिक क्षेत्र में सफल होने के साथ एक अच्छे इंसान भी बन पाएं। उन्हें अपने परिवार से बेहद लगाव था। उनका ये प्यार फोटोग्राफी के जरिए झलकता था। वो ज्यादातर तस्वीरें अपने परिवार के लोगों की खींचा करते थे।
2.राजीव गांधी पहले पॉलिटिक्स में नहीं आना चाहते थे। क्योंकि उनकी रुचि पायलट बनने में थी। उन्हें ये शौक अपने पापा की वजह से लगा था। दरअसल छोटे में उनके पापा उन्हें पैराग्लाइडिंग कराने ले जाते थे। तभी से उन्हें प्लेन उड़ाने का मन करता था।
3.पायलट बनने से पहले उनकी रुचि इंजीनियरिंग में भी थी। तभी उन्होंने लंदन के ट्रिनिटी कॉलेज में तीन साल तक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। मगर वहां उन्हें डिग्री हासिल नहीं हुई तो वे लंदन के इम्पीरियल कॉलेेज में मेकैनिकल इंजीनियरिंग की पढाई के लिए गए। मगर जब उन्हें बहुत पढ़ना पड़ा। तो उन्होंने सोचा कि वे रट्टू तोता नहीं बन पाएंगे, इसलिए उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ दी।
4.इसके बाद राजीव इंडिया वापस लौट आए और उन्होंने दिल्ली में फ्लाइंग क्लब ज्वाइन कर लिया। वहां उन्होंने बतौर पायलट ट्रेनिंग ली। उनकी मेहनत रंग लाई और सन 1970 में उन्हें एअर इंडिया विमान कंपनी में नौकरी मिल गई।
5.राजीव गांधी को वन्य जीवों और प्राकृतिक चीजों से भी काफी लगाव था। तभी वो अपने कैमरे से उनकी तस्वीरें कैद किया करते थे। साथ ही नई-नई जगह जाकर उनके बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करते थे।
6.राजीव गांधी को अपने वायदे निभाने के लिए भी जाना जाता था। क्योंकि वो सफाई परस्त इंसान थे। उन्हें न सिर्फ अपने आस—पास सफाई रखना पसंद था। बल्कि वे अंदर से भी खुद को स्वच्छ रखते थे। उनकी इसी बेदाग छवि के चलते राजनीतिक क्षेत्र में उन्हें मिस्टर क्लीन के नाम से भी जाना जाता है।
7.राजीव गांधी को गाड़ी चलाने का भी बहुत शौक था। तभी अक्सर चुनावी कैम्पेन के दौरान वे खुद ही कार ड्राइव करते थे। माई डेट विद हिस्ट्री नामक किताब में दी गई जानकारी के मुताबिक राजीव इलेक्शन के दौरान खुद ही सड़कों पर गाड़ी दौड़ा देते थे।
8.राजीव को मंहगी चीजों के कलेक्शन का भी शौक था। तभी वो जूतों और घड़ियों से लेकर दूसरी कई एंटीक चीजों को संभालकर रखते थे। 9.राजीव समय के बहुत पाबंद थे। उन्हें लगता था कि समय सबसे कीमती है। इसलिए वो अपनी घड़ी का बेहद ध्यान रखते थे। उन्हें घड़ी गूची नाामक कंपनी के पसंद थे। वे ज्यादातर इसी कंपनी की घड़ी पहनते थे।
10.उन्हें जूतों के कलेक्शन का भी शौक था। वो स्टायल के साथ आरामदायक फुटवियर पहनना पसंद करते थे। वे ज्यादातर लोटो कंपनी के जूते पहनते थे। बम धमाके में मारे गए राजीव के शव की पहचान भी उनके इन्हीं जूतों और घड़ी के चलते ही हुआ था। क्योंकि ब्लास्ट में उनकी डेड बॉडी पहचान में नहीं आ रही थी।