1.कार्तिक महीने में मांसहारी भोजन नहीं करना चाहिए। इन्हें तामसिक प्रवृति का माना जाता है। 2.कार्तिक माह में शरीर में तेल भी नहीं लगाना चाहिए। ऐसा कहा जाता हैं कि इस महीने शरीर पर तेल लगाना से विष्णु भगवान नाराज होते हैं। ऐसे में केवल एक दिन यानी नरक चतुर्दशी के दिन शरीर पर तेल लगा सकते हैं।
3.इस महीने उड़द , मूंग, मसूर, चना, मटर, राई खाने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि ये सभी चीजें गरिष्ठ होती हैं। जबकि कार्तिक माह में हल्का भोजन करना चाहिए। 4.कार्तिक माह में किसी भी व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुचाना चाहिए और न ही कोई गलत काम करना चाहिए। ऐसा करने विष्णु जी नाराज हो जाते हैं।
5.पेड़-पौधों में भगवान का वास होता है। ऐसे में कार्तिक माह में पेड़ नहीं काटना चाहिए। ऐसा करने पर मनुष्य का स्वास्थ्य खराब हो सकता हैं। 6.कार्तिक माह में किसी भी जीव जंतु की हत्या नहीं करनी चाहिए। न ही उन्हें चोट पहुंचानी चाहिए। इस बात को न मानने पर व्यक्ति को अशुभ फल प्राप्त हो सकते हैं।
7.कार्तिक महीने में किसी भी स्त्री या बड़े बुर्जुगों का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपसे रुष्ट हो सकती हैं। 8.इस माह अन्न भी बर्बाद नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर घर में अन्न और धन की कमी हो सकती हैं।
9.कार्तिक महीने में किसी अपंग को नहीं सताना चाहिए। ऐसा करने से पाप लग सकता है। 10.कार्तिक माह में अगर कोई गरीब या भिखारी आपके घर आता है तो उसे कभी खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए।